मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों को करनी होगी जनता की सुनवाई , प्रत्येक कार्यदिवस पर कार्यालय में बैठेंगे कमिश्नर और डीएम

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देहरादून राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के बाद सबसे ज्यादा इंतज़ार जनता को जिलाधिकारियों से लेकर फोन न उठाने वाले कप्तान जिनसे उनकी टेलीफोन ड्यूटी भी परेशान है को रुख्शत किये जाने के बजाय अब तीसरी बार निर्देश जारी हुए है। कभी सचिवालय कभी किसी बैठक की आड़ में जनता से दूर रहने वाले प्रदेश के मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को अब  कैंप कार्यालयों में बैठने की आदत भी अब छोड़नी होगी। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों के लिए हिदायतें जारी कर दीं।
इसके मुताबिक, जब वे क्षेत्र के दौरे पर या किसी कार्य से मुख्यालय से बाहर नहीं होंगे तो हर कार्यदिवस पर सुबह साढ़े नौ बजे से शाम पांच बजे तक अपने कार्यालयों में बैठना होगा। यानी अब वे कैंप कार्यालयों,जिन समस्याओं को समाधान न निकल पाएंगे उनका ब्योरा मुख्य सचिव को भेजेंगे उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वे विधायकों, मंत्रियों व सांसदों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के लिए सप्ताह में एक तिथि व समय निर्धारित करेंगे उन्हें इसकी सूचना उन्हें उपलब्ध करानी होगी।जनता व जनप्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान जिन समस्याओं
व मांगों का समाधान मंडलायुक्त व जिलाधिकारी के स्तर से संभव होगा, उनका वह समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करेंगे जिनका समाधान उनके स्तर से संभव नहीं होगा तो वे समस्या, मांग या शिकायत के संबंध में अपनी स्पष्ट रिपोर्ट अपने मंतव्य समेत प्रकरण को मुख्य सचिव कार्यालय को भेजेंगे उसकी एक प्रति सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली को भेजना सुनिश्चत करेंगे मुख्य सचिव ने इन निर्देशों का पूर्ण मनोयोग से अनुपालन करना सुनिश्चित करने को कहा है।
से कामकाज नहीं निपटाएंगे।
इस अवधि में वे अपनी सुविधानुसार एवं जनता की आवश्यकतानुसार करीब एक से दो घंटे जनसामान्य से मुलाकात का समय निर्धारित करेंगे। इसकी व्यापक सूचना समाचार पत्रों के माध्यम से जनसामान्य को उपलब्ध भी करानी होगी।