असली बंदर के सामने…नकली भालू की ‘दहाड़’
आदिमानव की ओर इंसान…अरे ये क्या हो रहा ?
इंसान बन रहे भालू…पहाड़ पर ये कैसा काम चालू ?
वाह क्या आइडिया है..वाह क्या दिमाग है…आपने एक गाना सुना होगा..देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान कितना बदल रहा इंसान..अब जरा देख भी लिजिए…पूरा माजरा बताएंगे लेकिन तस्वीरों पर एक नजर डाल लेते हैं…भागते बंदर और पीछे भालू…जो भी देखा वो यही सोच रहा है…अरे भाई ये क्या हो रहा है….ये एक दिन का काम नहीं हैं बल्कि हर दिन का काम है…हर रोज बंदर आते हैं..और फिर भालू…लेकिन अब जब आपको बता चलेगा कि..ये बंदर नहीं बल्कि डुप्लिकेट बंदर है तो आपको यकीन नहीं होगा कि..ऐसा हो सकता है…इस वीडियो के पीछे एक राज नहीं बल्कि चार राज छीपे हैं…एक एक कर हम खुलासा करेंगे तो आपकी नींद उड़ जाएगी…बंदर और भालू की दुश्मनी सांप और नेवले की तरह है…इसलिए भालू को देखकर बंदर भाग जाते हैं…और नेवले को देखकर सांप…लेकिन ये माजरा जो हम आपको बताने जा रहे हैं ये थोड़ा अलग है…क्योंकि ये एक ऐसा फॉर्मूला है जिससे बंदर को भगाया जा सकता है…अगर आपको घर पर भी बंदरों का डेरा है तो यकीनन ये तरीका अपना सकते हैं…लेकिन ये आपके रिस्क पर होगा…क्योंकि इसमे खतरा भी उतना ही है…तो चलिए बताते हैं कि…आखिर ये पूरा का पूरा माजरा क्या है…और किसलिए बंदर के पीछे भालू पड़े हैं…
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट में बंदरों के आतंक की वजह से जनता का जीना मुश्किल हो गया है…बंदर न केवल खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं ….बल्कि जनता पर भी हमला कर रहे हैं….. ऐसे में आईटीबीपी के जवानों ने जनता को बंदरों से छुटकारा दिलाने के लिए अनोखी तरकीब निकाली है…इस तरीके का वीडियो भी वायरल हो रहा है…इससे ये साबित होता है कि…भारत में टैलेंट की कमी नहीं है….क्योंकि जिसे आप भाली समझ रहे हैं…वाकइ में ये भालू हैं ही नहीं…जी हां आपने सही सुना…ये कोई भालू नहीं बल्कि इंसान हैं…पहली बार तो हमे भी लगा कि…ऐसा कैसे हो सकता है…लेकिन जब हमारी टीम ने इस स्टोरी को कवरेज दी..तो पूरा माजरा साफ हो गया….दरअसल आईटीबीपी के जवान भालू की ड्रेस पहनकर आईटीबीपी परिसर के आसपास घूमते रहते हैं….. ऐसे में बंदर उन्हें भालू समझकर जंगल की तरफ भाग जाते हैं….बंदर सोचते हैं कि…,,सच में भालू है…लेकिन ऐसा होता नहीं है…बंदरों को भगाने के लिए इस तरीके की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है….हर कोई सोच रहा है कि..वाह क्या तरीका निकाला है….अब बात करते हैं तीसरे राज की…आखिर इस वीडियो में ऐसा तीसरा राज क्या है…जो किसी को नहीं पता होगा…
विडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि आईटीबीपी के दो जवान भालू की पोशाक पहनकर बंदरों के झुंड के पीछे भाग रहे हैं….भालुओं को देखकर बंदर भी वहां से तेजी से दौड़कर अपनी जान बचाते हुए नजर आ रहे हैं…. इससे पहले भी भालू की ड्रेस पहनकर बंदरों को भगाने के विडियोज सामने आते रहे हैं….बंदरों का आतंक ऐसा है कि…जवानों के नाक में दम कर रखा है…बंदर कभी जवानों की बैरकों में घुस जाते हैं, तो कभी मेस में घुसकर नुकसान पहुंचाते हैं….. कई जवान तो दिनभर बंदरों को ही भगाने में लगे रहते हैं….. बंदर कुछ समय के लिए तो चले जाते, लेकिन थोड़ी देर में ही वे वापस लौट आते…..आईटीबीपी जवानों ने बंदरों को दूर रखने के लिए भालू जैसी दिखने वाली ड्रेस तैयार करवाई है….. काले रंग की ड्रेस को पहनकर जब दो से तीन जवान आईटीबीपी परिसर में घूमते हैं तो बंदर डरकर भाग जाते हैं….