उत्तराखंड में बेखौफ बदमाशों का आतंक चरम पर है। विगत कुछ दिनों से पूरे हरिद्वार जनपद में एक के बाद एक ताबड़तोड़ चोरियां हो रही थी। रात्रि गश्त कर रहे पुलिस कर्मियों द्वारा संदिग्ध हालत में घूमते दो बदमाशों को जैसे ही दबोचा गया, अपने साथी को छुड़ाने के लिए दुस्साहस कर पुलिसकर्मियों पर हमला भी किया जिसमें एक पुलिसकर्मी को अपनी आंख गंवानी पड़ी। सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज के आधार पर घटना के चंद घंटों बाद जब हरिद्वार पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से तत्समय इनकी संभावित फोटो वायरल की गई।
जनपद पुलिस मुखिया द्वारा एसपी सिटी की अगुवाई में पुलिस टीमों का गठन कर स्वयं भी इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग की गई जिस कारण पुलिस टीमों द्वारा इन शातिरो को गिरफ्तार कर जब जानकारी की गई तो कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई। सभी अभियुक्त पारदी जनजाति के खानाबदोश लोग हैं जो विशेषत: मध्य प्रदेश के उज्जैन, गुना, ग्वालियर, मंदसौर एवं आसपास के रहने वाले हैं लेकिन अपराध करने में बेहद ही शातिर हैं और पकड़े जाने के डर से अक्सर अपने राज्य में वारदात न कर अन्य बाहरी राज्यों में अपराध करते है।
अपने साथ अपना पूरा कुनबा लेकर चलते हैं अपने बच्चों को बड़े बड़े धार्मिक स्थलों रेलवे स्टेशनों बस अड्डों आदि स्थानों के आस-पास स्थाई रूप से पन्नी की झोपड़ी व बिछौना डालकर रहना शुरू करते हैं किसी को शक न हो तो दिखावे हेतु दिन के समय बच्चों के खिलौने गुब्बारे फूल प्लास्टिक का सामान बेचने का काम करते हैं। रास्तों की जानकारी हेतु दिन के समय बैटरी रिक्शा अथवा अन्य कोई छोटा मोटा काम करने के बहाने से पॉश कॉलोनी में जाकर रेकी कर अधिकांश ऐसे घरों को टारगेट कर चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं जो बंद हो अथवा जिनमें बुजुर्ग दंपत्ति हों। घटना के समय ये लोग अपने पास सिर्फ एक पिट्ठू बैग जिसमें पाना (नट बोल्ट खोलने का औजार जो बेहद मजबूत होता है) रिंच, गुलेल तथा कपड़े रखते हैं। पाना वा रिंच का प्रयोग ताला तोड़ने, गुलेल का प्रयोग आत्मरक्षा (क्योंकि जनजाति इलाकों से हैं इस कारण बचपन से निशाना लगाते हैं इनका निशाना अचूक होता है इतनी फुर्ती से वार करते हैं कि कुछ ही सेकंड में मजबूत से मजबूत को भी घातक तरीके से घायल अथवा मार देते हैं) और पहचान छुपाने के लिए घटना के तुरंत बाद पिट्ठू बैग में लाए हुए कपड़ों से कपड़े बदल लेते हैं।
घटना करने के बाद ये चोरी के माल को गड्ढों में गाड़ देते हैं जिसके बारे में सिर्फ इन्हीं के कुछ बेहद खास सदस्यों को पता होता है चोरी के प्राप्त जेबरातों को बेचने का काम अधिकांशत इनकी औरतें करती हैं अगर कभी इनके हाथ अच्छा जेवरात व नगदी हाथ लग जाती है तो सबसे पहले तुरंत अपना स्थान बदल लेते हैं। यह लोग चोरी करने के लिए जो पार्टी बनाते हैं उसमें एक जगह के न होकर अलग-अलग स्थानों शहरों के अपने ऐसे खास सदस्यों को रखते हैं जो माहिर व इनके सगे संबंधी होते हैं क्योंकि बड़ी घटना के बाद सभी अलग अलग हो जाते हैं।
गिरफ्तार अभियुक्तगण
- राहुल उम्र 23 वर्ष निवासी नीलगिरी सर्किल थाना लंबाई जिला सूरत गुजरात हाल निवासी नया आबादी सुवासरा थाना सुवासरा जिला मंदसौर मध्य प्रदेश
- सनी उर्फ समीर निवासी 80 फुटा टेढ़ी बगिया शिवलोक निकट डिग्री कॉलेज थाना एत्माद्दौला आगरा उम्र 27 वर्ष
- मुकेश मारवाड़ी निवासी मारवाड़ी इंदिरानगर मेहता बाग निकट जमुना ब्रिज घाट थाना एत्माद्दौला आगरा उम्र 30 वर्ष
- गुज्जर उर्फ गुर्जन निवासी नई आबादी सुवासरा थाना सुवासरा जिला मंदसौर मध्य प्रदेश उम्र 23 वर्ष
- शंकर उर्फ वीरू निवासी नगला रामू काशीराम योजना 80 फुटा रोड निकट मंडी समिति अपेक्स हॉस्पिटल के पीछे थाना एत्माद्दौला जिला आगरा उम्र 25 वर्ष