उत्तराखंड के विकासनगर से दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं, जब अचानक उफान मारती आसन नदी ने कई जिंदगियों को अपने साथ बहा लिया चीखें थीं, अफरा-तफरी थी और बहता पानी जैसे कहर बनकर टूटा। Disaster Like Situation Dehradun उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से इस वक्त एक बड़ी और दर्दनाक खबर सामने आई है वो है बादल फटने की वजह से भारी तबाही की तेज़ बारिश और अचानक आई बाढ़ के कारण 12 लोग नदी के तेज़ बहाव में बह गए, जिनमें से 3 की मौत की पुष्टि हो चुकी है। घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और राहत-बचाव कार्य जारी है। यहां मैं पाको दिखाने जा रहा हूं घटना का एक्सक्लूसिव ग्राउंड वीडियो, चश्मदीदों की जुबानी पूरी कहानी, और प्रशासन की तैयारी की हकीकत। कब कुछ बता रहा हूं। उत्तराखंड के देहरादून जिले के विकासनगर क्षेत्र में आसन नदी में अचानक आए उफान से बड़ा हादसा हो गया।
जानकारी के मुताबिक, दो अलग-अलग जगहों पर नदी के तेज बहाव में कुल 10 से 12 लोग बह गए। इनमें से 5 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है, जबकि 3 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। बाकी 4 लोग अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। जब कई लोग नदी किनारे पिकनिक मनाने या नहाने के लिए आए हुए थे, तभी नदी में अचानक जलस्तर बढ़ गया और तेज बहाव में लोग बहने लगे। मौके पर मौजूद लोग मदद के लिए चिल्लाने लगे, लेकिन कुछ ही पलों में हालात बेकाबू हो गए। घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि लोग तेज धारा में फंसे हुए हैं और आसपास खड़े लोग चीख-पुकार कर रहे हैं। वीडियो काफी दर्दनाक है और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। सूचना मिलते ही SDRF और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और राहत-बचाव कार्य शुरू किया गया। प्रशासन के अनुसार, रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है। नदी में बहाव तेज होने के कारण सर्च ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं। प्रशासन का कहना है कि नदी में पानी का स्तर अचानक बढ़ने की वजह पहाड़ों में हुई भारी बारिश हो सकती है।
वहीं, स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि नदी किनारे किसी तरह की चेतावनी या सुरक्षा के इंतज़ाम नहीं थे। फिलहाल रेस्क्यू टीमें मौके पर डटी हैं और लापता लोगों की तलाश की जा रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बारिश के मौसम में नदी-नालों के किनारे न जाएं और सुरक्षित दूरी बनाए रखें। विकासनगर की इस त्रासदी ने हमें याद दिलाया है कि प्रकृति के सामने हमारी लापरवाही, चेतावनी की कमी और सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियाँ कितनी घातक हो सकती हैं। जितने भी जीवन अभी भी नदी की धारा में लापता हैं, उनकी वापसी की उम्मीद है; और जो लोग उसके बहाव से बाहर निकल आए हैं, उन्हें न्याय और सहारा मिलना चाहिए। आने वाले दिनों में ये प्रशासन की ज़िम्मेदारी है कि वह ऐसी घटनाओं से न सिर्फ़ सीख ले, बल्कि भविष्य के लिए असरदार कदम उठाए। नदी‑पार की चेतावनियाँ हों, इलाके में अलर्ट सिस्टम हो, स्थानीय लोगों को जागरूक किया जाए, और भारी बारिश के समय इन क्षेत्रों में पहुंचने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो, हम हार नहीं मानेंगे, हम आवाज़ उठाएंगे, और उम्मीद है कि ये हादसा एक मील का पत्थर बनेगा — सिर्फ़ दर्द की कहानी नहीं, बल्कि बदलाव की शुरुआत।”