Uttarkashi Avalanche: द्रौपदी का डांडा-2 में एवलॉन्च हादसे में अभी भी 20 पर्वतारोही फंसे हैं। हिमस्खलन में फंसे पर्वतारोही दल के सदस्यों के बचाव के लिए जम्मू कश्मीर के हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग के जांबाजों को उतारा गया है। टीम ने एनआईएम के प्रशिक्षु पर्वतारोहियों को बचाने के लिए एसडीआरएफ, आईटीबीपी और एनआईएम के साथ अभियान शुरू कर दिया है। जम्मू कश्मीर से 16 सदस्यीय दल बुधवार को उत्तराखंड के रवाना हो गया। बृहस्पतिवार सुबह ये जांबाज देहरादून से उत्तरकाशी के लिए रवाना हुए।
बता दें कि पर्वतारोहियों को निकालने व बचाव कार्य में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें जुड़ी है। हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल के जवानों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ड्यूटी व बचाव कार्य में दक्षता होने से उनकी मदद ली जा रही है। अपर सचिव एवं उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के सीईओ सी. रविशंकर ने बताया कि हिमस्खलन में फंसे पर्वतारोहियों के बचाव कार्य के लिए एचएडब्ल्यूएस के जवानों उत्तराखंड के लिए रवाना हो गए हैं। देहरादून से बेस कैंप तक दल को पहुंचाने के लिए वायु सेना के हेलिकाप्टर की व्यवस्था की गई।
बता दे, सेना के इस स्कूल के जवानों को ऊंचे पर्वतों में बर्फीली चोटियों पर ड्यूटी करने और बर्फीले तूफानों से बचाव की ट्रेनिंग दी जाती है। केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों से एचएडब्ल्यूएस के 16 सदस्यीय जवानों को हिमस्खलन में फंसे पर्वतारोहियों को निकालने के लिए भेजा गया है। इसी कड़ी में मंगलवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बचाव एवं राहत कार्यों का हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एवलॉन्च की चपेट में आकर जान गंवाने मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख, गंभीर रूप से घायलों को ₹1 लाख और सामान्य रूप से घायलों को ₹50 हजार की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।