कभी दूसरों के हर फैसले में बस चुपचाप शामिल रहने वाली लड़कियां अब खुद फैसले लेने लगी हैं। आज उनके अंदर इतनी काबिलियत है कि वह नेतृत्व करने की क्षमता रखती है। Nisha Kanwal Zila Panchayat Member कुछ ऐसी ही कहानी है अल्मोड़ा जिले के तड़ीखेत ब्लॉक की रहने वाली निशा ने की, जिन्होंने 21 साल की उम्र में जिला पंचायत सदस्य बनकर न सिर्फ अपने गांव बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया है। वो अल्मोड़ा की सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य बन गई हैं। यह जीत किसी आम चुनाव जीतने जैसी नहीं है. बल्कि, ये कहानी है आत्मविश्वास की, मेहनत की, और उस सोच की जो कहती है कि बदलाव उम्र नहीं, हौसला देखता है। तड़ीखेत ब्लॉक के निवासी गोपाल सिंह कनवाल और इंद्रा कनवाल की पुत्री निशा ने अपने पिता से प्रेरणा लेकर राजनीति में कदम रखा है। निशा के पिता कंडारखुवा क्षेत्र से कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष रहे हैं। वहीं वह समाज सेवा में लगे रहते हैं, वहीं निशा की माता एक गृहणी होने के साथ साथ क्षेत्र एक दुकान भी चलती हैं।
निशा ने अपनी शिक्षा अल्मोड़ा से की है। वह विवेकानंद बालिका विद्या मंदिर अल्मोड़ा से 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद एसएसजे परिसर मे वर्तमान में एमकॉम की छात्रा हैं। निशा कनवाल ने कहा कि वह 21 साल की हैं और वह 280 वोटों से जीत हासिल कर जिला पंचायत सदस्य बन कर आई हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी आगे की शिक्षा को कायम रखते हुए क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने के लिए कटिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने पूरे क्षेत्र का भ्रमण किया और इस दौरान उन्हें क्षेत्र वासियों की समस्याओं को जानने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि गांव आज भी अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं। क्षेत्र में 27 ग्राम सभाएं है, जिनमें 60 गांव हैं। अधिकतर गांवों पलायन की मार झेल रहे हैं। अनेक घरों में तो केवल बुजुर्ग ही रह रहे हैं. क्षेत्र में रोजगार के साधन नहीं होने से पलायन बढ़ रहा है। पलायन रुके उसके प्रयास करेंगी. पानी को समस्या को दूर करने के लिए जल स्रोतों को रिचार्ज किया जाना और सुकोली गांव में सोलर पंपिंग योजना स्थापित हो इसके लिए प्रयास करेंगी।