उत्तराखंड यात्रा से इस बार पर्यटन व्यवसायियों को भी अच्छी आमदनी हुई है। केदारनाथ, यमुनोत्री धाम में घोड़ा खच्चर, हेली सेवा, डंडी-कंडी से 211 करोड़ का कारोबार हुआ है। वहीं, गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) को भी 50 करोड़ की आय का अनुमान है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में चारधाम यात्रा से उत्तराखंड के नए युग की शुरुआत हुई है। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा आखिरी पड़ाव पर है। बृहस्पतिवार को बाबा केदार और यमुनोत्री धाम मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं, जबकि गंगोत्री मंदिर के कपाट बीते दिवस बंद हुए हैं। बदरीनाथ मंदिर के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे। उन्होंने चारधाम यात्रा के सफल संचालन पर खुशी जताई।
केदारनाथ यात्रा स्थानीय व्यवसायियों के लिहाज से भी काफी बेहतर रही। हेली सेवा के टिकट, घोड़ा खच्चरों और डंडी कंडी के यात्रा भाड़े की बात करें तो, लगभग 190 करोड़ के आसपास यह कारोबार हुआ है। केदारनाथ धाम इस बार घोड़े खच्चर वालों ने करीब 109 करोड़ 28 लाख रुपये का रिकॉर्ड कारोबार किया। सरकार को भी आठ करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ। यात्रा सुगम बनाने को लेकर प्रशासन ने 4302 घोड़ा मालिकों के 8664 घोड़े खच्चर पंजीकृत किए थे। इस सीजन में 5.34 लाख तीर्थयात्रियों ने घोड़े खच्चरों की सवारी कर केदारनाथ धाम तक यात्रा की। यमुनोत्री धाम में भी घोड़े खच्चर वालों ने 21 करोड़ का कारोबार किया। वहीं, डंडी-कंडी वालों ने 86 लाख रुपये की कमाई की और हेली कंपनियों ने 75 करोड़ 40 लाख रुपये का कारोबार किया। सीतापुर और सोनप्रयाग पार्किंग से लगभग 75 लाख का राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ है