म्यांमार में चल रहे फर्जी कॉल सेंटरों में देश के तमाम लोगों को अगवा कर जबरदस्ती काम करवाया जा रहा है। इन्ही कॉल सेंटर्स में काम करने के लिए उत्तराखंड के भी 24 लोगों को अगवा किया गया है। Uttarakhand People trapped Myanmar इन सभी को कॉल सेंटर में काम करने के लिए जबरदस्ती मजबूर किया जा रहा है। इन लोगों में 15 पुरुष और 9 महिलाएं शामिल हैं। जिसकी सूचना मिलने के बाद राज्य सरकार इस संबंध में विदेश मंत्रालय से संपर्क साध रही है। म्यामांर में फंसे उत्तराखंडियों की सुरक्षित घर वापसी के लिये सरकार का प्रयास जारी है। म्यामांर में फंसे जनपद देहरादून निवासी व्यक्तियों की डिटेल को कन्ट्रोल रूम के आपातकालीन नम्बर 112 के माध्यम से देहरादून पुलिस को उपलब्ध कराया जा सकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विदेश मंत्री डॉ.एस. जयशंकर से म्यांमार में फंसे उत्तराखण्ड के लोगों की सुरक्षित वापसी का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने गुरूवार को फोन पर विदेश मंत्री से वार्ता की तथा उन्हे स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि म्यांमार के कॉल सेंटरों द्वारा उत्तराखंड के 15 से अधिक पुरुषों और नौ महिलाओं को अगवा कर उन्हें म्यांमार में कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इन लोगों को स्कैम कॉल सेंटर में काम करने के लिए बाध्य किया जा रहा है. परिजनों से भी संपर्क नहीं करने दिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर इस तरह की जानकारी मिलने पर गृह विभाग भी अलर्ट हो गया है। म्यांमार की वर्तमान राजनैतिक परिस्थितियों के मद्देनजर वहां निवासरत उत्तराखण्ड राज्य के नागरिकों की सुरक्षा के सम्बंध में राज्य सरकार द्वारा गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय भारत सरकार से समन्वय स्थापित कर उनके माध्यम से आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
सूचना के लिए जरूरी हैं ये डिटेल
- फंसे हुए व्यक्ति का नाम और स्थानीय पता
- म्यांमार का पता
- मोबाइल नम्बर/ई-मेल आईडी
- पासपोर्ट नम्बर