चंपावत: 24 साल के यशवंत चौधरी को बर्लिन में मिला 23 करोड़ रुपये का सालाना पैकेज

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चंपावत: कुछ लोग छोटी सी उम्र में वो मुकाम और शोहरत हासिल कर लेते हैं, जिसका ज्यादातर लोग सपना ही देखते रह जाते हैं। ऐसे ही उत्तराखंड के चंपावत जिले के यशवंत चौधरी ने कमाल कर दिया है। यशवंत को महज 24 साल की उम्र में 23 करोड़ रुपये (30 लाख डॉलर) से ज्यादा का पैकेज मिला है। युवा इंजीनियर यशवंत को जर्मनी की टेस्ला गीगा कंपनी में सीनियर मैनजर की नौकरी मिली है। यशवंत चौधरी ने छोटी उम्र में बड़ा मुकाम पाकर पूरे प्रदेश और जिले का नाम रोशन किया है। केवल 24 की उम्र में ऐसी बड़ी उपलब्धि हासिल करना एक मिसाल ही है।

व्यापारी शेखर चौधरी के बेटे यशवंत ने पिथौरागढ़ से बीटेक करने के बाद 2020 में गेट में 870वीं रैंक हासिल की थी। दो साल पहले उनका प्रशिक्षु प्रबंधक के रूप में बेंगलूरु में चयन हुआ। कोरोनाकाल में उन्होंने ऑनलाइन अपनी सेवाएं दीं।यशवंत ने बताया कि उनका चयन 30 लाख डॉलर के पैकेज में टेस्ला गीगा फैक्टरी में वरिष्ठ प्रबंधक के लिए बर्लिन जर्मनी में हुआ है। 31 जुलाई तक ऑनलाइन काम करने के बाद अगस्त से अक्तूबर तक बेंगलुरु में ट्रेनिंग होगी। इसके बाद नवंबर में बर्लिन में सेवा शुरू हो जाएगी। तल्लीहाट के यशवंत चौधरी की शानदार कामयाबी पर मल्लिकार्जुन स्कूल ने अपने पुरातन छात्र को सम्मानित किया। स्कूल में शनिवार को हुए कार्यक्रम में प्रधानाचार्य संजय मुरारी ने यशवंत को सम्मानित किया।

यशवंत का कहना है कि उनका शुरू से ही सपना एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने का रहा है, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पा सकें और आगे चलकर यह अनुभव उन्हें देश में ही किसी बड़ी जिम्मेदारी को संभालने में काम आ सके। बता दें कि यशवंत के पिता शेखर सिंह चौधरी व्यापारी हैं, जबकि माता देवकी चौधरी गृहणी हैं। उन्होंने बताया कि यशवंत ने विपरीत परिस्थितियों में यह मुकाम हासिल किया है। यशवंत की कामयाबी पर स्थानीय लोगों ने खुशी व्यक्त की है। संभवतः यह इतनी कम उम्र के किसी भारतीय को विदेशों में मिलने वाली सबसे मोटी सैलरी है. इतनी सैलरी ऑफर आईआईएम और आईआईटी के पासआउट को भी समान्यतौर पर नहीं मिलती है।