उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष लगातार विकराल रूप लेता जा रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में गुलदार और भालू, जबकि तराई-मैदानी इलाकों में हाथी लोगों की जान के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुके हैं। Human-wildlife conflict in Uttarakhand पिछले 25 वर्षों के आंकड़े जहां भयावह तस्वीर पेश करते हैं, वहीं 2025 की घटनाएं लोगों में और अधिक दहशत पैदा कर रहा है। हालात यह हैं कि लोग अपना गुस्सा वन मंत्री और वन विभाग पर खुलकर उतार रहे हैं। उत्तराखंड के कई पहाड़ी गांवों में सूर्यास्त के बाद मानो कर्फ्यू जैसा माहौल बन जाता है। लोग घरों से बाहर निकलने से डरते हैं। हालात इतने डरावने हैं कि जंगल से सटे इलाकों में हर दिन किसी न किसी पर वन्यजीव का हमला होने की खबर मिलती है। वहीँ पिछले 25 साल में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष में 1264 मौतें हुए और 2025 ने सारे रिकॉर्ड तोड़ने का काम किया हैँ।