उत्तराखंड में बच्चों की मानसिकता को क्या हो गया है? ये सवाल इसलिए क्योंकि सोमेश्वर के दूरस्थ ग्राम कांटली में पिता ने किसी बात पर अपने बच्चों को डांट फटकार लगाई. जिससे नाराज होकर बच्चों ने घर से नेपाल जाने की योजना बनाई. इसी बीच पिता काम पर निकला तो बच्चे मौका देखकर अपने पड़ोसी जगदीश राम की 10 वर्षीय बेटी को साथ लेकर पिनाकेश्वर के जंगलों की ओर निकल पड़े. शाम को जब पिता काम से घर लौटा तो अपने बच्चों को घर पर न पाकर घबरा गया. वहीं, आस पड़ोस में पूछताछ की तो पता चला की पड़ोसी जगदीश राम की बेटी भी घर से गायब है. बच्चों के परिजनों और ग्रामीणों ने आस पास काफी खोजबीन की, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला. इसके बाद पिता कर्ण बहादुर खत्री और जगदीश राम ने थाना सोमेश्वर में बच्चों की गुमशुदगी दर्ज कराई. जिस पर थानाध्यक्ष विजय सिंह नेगी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा को अवगत कराया.
इसके बाद एसएसपी के निर्देश पर पुलिस की 2 टीमों का गठन किया गया. पुलिस की टीम ने कांटली और पिनाकेश्वर के जंगलों में सघन कॉम्बिंग अभियान चला या. इस दौरान जंगल से पुलिस टीम को बाघ की गुर्राने की आवाज भी सुनाई दी. पुलिस टीम को दूर जंगल में एक टेंट लगा हुआ दिखा. जहां एक चारपाई के नीचे चारों बच्चे डरे सहमे छुपे हुए थे. बच्चों ने बताया कि वो अपने नानी के घर नेपाल जाने के लिए घर से निकले थे. जंगल में आते-आते रास्ता भटक गए थे. उन्हें एक बाघ भी दिखाई दिया. जिसे देखकर वो काफी डर गए. जंगल में उन्हें टेंट दिखाई दिया तो वो बाघ के डर से टेंट में रखे चारपाई के नीचे छिप गए. थानाध्यक्ष विजय सिंह नेगी और पुलिस की टीम ने बच्चों को अपने साथ लेकर सकुशल उनके परिजनों के सुपुर्द किया.