हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की जमीन खाली कराने के आदेश मिलने के बाद रेलवे प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। रेलवे की 78 एकड़ जमीन पर 4365 भवनों को ध्वस्त करने के उत्तराखंड हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं। लेकिन कार्रवाई से पहले रेलवे को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारियों को विपक्षी नेताओं का साथ भी मिला है। रेलवे की भूमि से चार हजार से ज्यादा मकानों को हटाया जाना है।
अब मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को सोशल मीडिया पर खुला पत्र लिखा। कहा, कानूनी पक्ष अपनी जगह सही है, लेकिन मानवीय पक्ष देखते हुए कोई बीच का रास्ता निकालना चाहिए। कहा कि वर्षों से बसे हुए लोगों को हटाने का रेलवे, प्रशासन, पालिका का निर्णय केवल कानूनी पक्ष नहीं है, यह मानवीय पक्ष भी है। हल्द्वानी कुमाऊं और प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है। यहां का सामाजिक सौहार्द हमेशा उच्च स्तर का रहा है।
50 हजार से ज्यादा लोगों को हटाया जाएगा, तो यह लोग कहां जाएंगे। एक अशांति का वातावरण पूरे हल्द्वानी में और कुमाऊं के अंचल में फैलेगा। सीएम को संबोधित करते हुुए कहा कि कड़कड़ाती ठंड में आपने केवल कानूनी पक्ष देखकर या कानून के गलत इंटरप्रिटेशन के आधार पर 50 हजार लोगों से उनकी छत छीनने जा रहे हैं। हरीश ने कहा कि वह न्यायिक निर्णय पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने सीएम को रेलवे से बातचीत करने, गोला नदी के किनारे-किनारे रिवरफ्रंट डेवलप कर कुछ अतिरिक्त भूमि निकालकर रेलवे की जरूरत की पूर्ति करने की सलाह दी है।