’50वां खलंगा मेला’ का आयोजन, मुख्यमंत्री धामी ने की शिरकत; समिति को ₹5 लाख देने की घोषणा

सीएम धामी ने देहरादून के सागरताल में बलभद्र खलंगा विकास समिति की ओर से आयोजित '50वां खलंगा मेला' में प्रतिभाग किया। इस मौके पर सीएम धामी ने खलंगा मेला आयोजन समिति को ₹5 लाख दिए जाने की घोषणा की।

Share

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सागरताल नालापानी, देहरादून में बलभद्र खलंगा विकास समिति द्वारा आयोजित ’50वाँ खलंगा मेला’ में प्रतिभाग किया। Dehradun Khalanga Mela CM Dhami इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खलंगा मेला आयोजन समिति को ₹5 लाख दिए जाने की घोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ’50वाँ खलंगा मेला स्मारिका’ का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि खलंगा मेला पूर्वजों की वीरता और अदम्य साहस को स्मरण करने का अवसर है। उन्होंने महान सपूत सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर साथियों, वीरांगनाओं को भी नमन किया। उन्होंने कहा कि खलंगा की वीरभूमि में वर्ष 1814 के एंग्लो-गोरखा युद्ध में सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर सैनिकों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस युद्ध में कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर सैनिकों ने ब्रिटिश सैनिकों की विशाल सेना का सामना करते हुए अपनी वीरता और रणनीतिक कौशल से ब्रिटिश सेना को खदेड़ दिया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये युद्ध हमारे वीर गोरखा योद्धाओं के अदम्य साहस और मातृभूमि के प्रति उनके असीम प्रेम का प्रतीक है, जो हमेशा हमें देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा। खलंगा की गाथा हमारे वीर पूर्वजों के अप्रतिम साहस एवं हमारी गौरवशाली विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि ये मेला हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजते हुए उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का भी एक माध्यम है। हमारे देश की ऐतिहासिक धरोहरें हमारे गौरवमयी अतीत की पहचान होने के साथ हमारे संस्कृति रूपी वट वृक्ष की मजबूत जड़ें भी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी संस्कृति को मजबूत करने का कार्य पूरे देश में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विकास के साथ विरासत को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। खलंगा युद्ध स्मारक को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संरक्षण में रखना, इसका बड़ा उदाहरण है।