उत्तराखंड में जोशीमठ आपदा के बाद विस्थापित लोगों को सरकार वास्तविक किराया देगी। हालांकि यह किराया साढ़े नौ सौ रुपये से अधिक नहीं होगा। उत्तराखंड सरकार की धामी कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। इसी के साथ नए धामी कैबिनेट ने नए जोशीमठ के लिए चिन्हित भूखंडों में से चार के प्रस्ताव को स्वीकार किया है। इनमें से किसी भी एक भूखंड पर नए शहर को बसाते हुए पुराने जोशीमठ के विस्थापितों को आवंटित किया जाएगा। कैबिनेट बैठक के बाद राज्य के मुख्य सचिव एसएस संधू ने प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी।
इस मौके पर सचिव आपदा रंजीत सिन्हा ने बताया कि आपदा पीड़ितों के पुर्नवासन के लिए कोटी फार्म, पीपलकोटी, गौचर, ढाक और एक अन्य स्थान को चिन्हित किया गया है। इनमें से किसी भी एक स्थान पर आधुनिक टाउनशिप बसाया जाएगा। इस टाउनशिप को जोशीमठ नाम देते हुए विस्थापितों को यहां जगह जमीन और मकान आवंटित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में विस्थापितों को किराए पर घर लेकर अस्थाई तौर पर रहने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए सरकार ने पहले 4000 रुपये महीने की राशि तय की थी, इसे बढ़ाकर अब 5000 रुपये कर दिया गया है।
माफ होगा बिजली बिल: धामी कैबिनेट ने जोशीमठ आपदा को लेकर बुलाई गई कैबिनेट मीटिंग में फैसला किया है कि प्रभावित लोगों को बिजली पानी के बिल में राहत दी जाएगी। उनके नवंबर से ही अगले 06 महीने तक के लिए यह बिल माफ किए जाएंगे इसी प्रकार प्रभावित परिवारों के बैंक लोन के बारे में भी जानकारी जुटाएगी।
राहत शिविरों के लिए मानक तय: कैबिनेट की बैठक में विस्थापित परिवारों के लिए राहत शिविरों में रहने खाने को लेकर मानक तय कर दिए गए हैं। नई व्यवस्था के मुताबिक विस्थापितों को या वास्तविक रेंट का भुगतान किया जाएगा। हालांकि यह राशि 950 रुपए प्रतिदिन से अधिक नहीं हो सकती है। इसी प्रकार 450 रुपए खाने के लिए प्रति व्यक्ति प्रति दिन तय किया गया है।
केंद्र से एक सप्ताह के अंदर होगी मांग: कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड सरकार ने भारत सरकार से एक सप्ताह के भीतर संभावित मांग भेजने का फैसला किया है। इसी के साथ तय किया गया है कि विस्थापित परिवारों को जिंदगी बसर के लिए एसडीआरएफ की गाइडलाइन के अनुसार परिवार के दो व्यक्ति को मनरेगा में काम दिया जाएगा। वहीं पशुओं के लिए 15 हजार रुपये विस्थापन और 80 रुपए प्रतिदिन चारे के लिए दिया जाएगा।