UKSSSC Exam Paper Leak: उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स ने प्रदेश में पेपर लीक मामले में बड़ी धांधली का खुलासा किया है। जहां प्रदेश में अधीनस्थ चयन सेवा आयोग देहरादून ने साल 2021 में स्नातक स्तरीय परीक्षाऐं संचालित कराई गई थी। वहीं, परीक्षा में राज्य के करीब 1.60 लाख युवाओं द्वारा बढ-चढ कर भाग लिया गया था। इस दौरान एक्जाम रिजल्ट के बाद कई छात्र संगठनों ने परीक्षा के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक्जाम में गड़बड़ी की आशंका को लेकर मुलाकात की थी, जिसके बाद उन्हें ज्ञापन सौंपा था. इस दौरान सीएम धामी ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए परीक्षा की अनियमित्ताओं के चलते केस दर्ज करने के आदेश दिए थे।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा (वीपीडीओ) का पेपर लीक करने के मामले का एसटीएफ ने रविवार को खुलासा कर दिया। छह आरोपियों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से 37.10 लाख रुपये कैश बरामद किया गया है। चयन आयोग तकनीकी सुविधाएं मुहैया कराने वाली फर्म के जरिए यह पेपर आउट हुआ। आरोपियों में दो युवकों खुद भी परीक्षा दी। इनकी 42 और 53वीं रैंक आई। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 4-5 दिसंबर को स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा कराई थी। 854 पदों के लिए हुई यह आयोग की सबसे बड़ी परीक्षा थी। जिसमें 1.60 लाख परीक्षार्थी बैठे। इसमें अलग-अलग विभागों के 13 श्रेणी के पदों को भरा जाना है।
गिरोह ने परीक्षा से एक दिन पहले ही सौ में से 80 सवालों को पैसे देने वाले अभ्यर्थियों को उपलब्ध करा दिया था। साथ ही उन्हें रामनगर स्थित एक रिर्जाट में परीक्षा की तैयार भी कराई गई। इस मामले में उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने मुकदमा दर्ज होने के दो दिन बाद ही पेपर लीक करने वाले आउटसोर्स कर्मचारी व एक कोचिंग संस्थान के डायरेक्टर समेत छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के मास्टर माइंड यूकेएसएससी के मुख्यालय में ही निकले। परीक्षा संबंधित गोपनीय काम करने वाली एजेंसी का डाटा एंट्री ऑपरेटर और पूर्व में हटाए गए पीआरडी कर्मचारी ने 80 प्रश्न लीक कर, चुनिंदा आवेदकों उपलब्ध कराए थे। इसके अलावा आयोग के दो और कर्मचारियों पर संदेह जताया जा रहा है। सवाल उठ रहा है कि, भर्ती परीक्षा जैसी गोपनीय प्रक्रिया के लिए आयोग ने इतने ढीले इंतजाम क्यों किए थे कि, अदने से कर्मचारियों ने पेपर लीक करा दिया।
गिरफ्तार हुए आरोपी
- जयजीत दास पुत्र विमल दास निवासी पंडितवाड़ी (कंप्यूटर प्रोगामर, पेपर लीक करने वाला।)
- मनोज जोशी पुत्र बालकिशन जोशी निवासी मयोली, दन्यां, जिला अल्मोड़ा (आयोग का पूर्व आउटसोर्स कर्मचारी।
- मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी निवासी पाटी, जिला चंपावत (सितारगंज स्थित कोर्ट में लिपिक, साल्वर)
- कुलवीर सिंह चौहान पुत्र सुखवीर सिंह चौहान निवासी चांदपुर, जिला बिजनौर (दून में कोचिंग संस्थान का डायरेक्टर)
- शूरवीर सिंह चौहान पुत्र अतर सिंह चौहान निवासी कालसी, देहरादून। (मीडिएटर)
- गौरव नेगी पुत्र गोपाल नेगी निवासी नजीमाबाद किच्छा। (निजी स्कूल का शिक्षक, साल्वर)।