उत्तरकाशी जिले के धराली बाजार में बीती 5 अगस्त को खीरगंगा से पानी का सैलाब आया था, जिसने पूरे धराली बाजार को बर्बाद कर दिया है। अब धराली बाजार मलबे के ढेर के नीचे दफन हो चुका है। Disaster Sensitive Areas in Uttarakhand इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून सीएम आवास पर हाईलेवल मीटिंग की। इस बैठक में आपदा प्रबंधन व सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य था कि भविष्य में धराली जैसी आपदाओं से बचाव हो सके। बीते सात दिनों से धराली में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान राज्य में आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षा को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन, हिमस्खलन तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों को तत्काल चिन्हित किया जाए, ताकि संभावित खतरे से पहले ही सतर्कता बरती जा सके।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इन चिन्हित संवेदनशील स्थलों पर किसी भी प्रकार की नई बसावट या नए निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्राकृतिक जल स्रोतों और नदियों और नालों के किनारों पर किसी भी प्रकार का सरकारी या निजी निर्माण कार्य प्रतिबंधित रहेगा। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं तथा इनके क्रियान्वयन की नियमित निगरानी की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से बचाव के लिए रोकथाम के उपायों को प्राथमिकता दी जाए और संवेदनशील क्षेत्रों में जनहित को ध्यान में रखते हुए ठोस एवं प्रभावी कदम उठाए जाएं। बैठक में प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमान, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते और अपर सचिव बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।