उत्तराखंड में बांग्लादेशी महिलाओं की साजिश का खुलासा! | Uttarakhand News | Dehradun News

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जी हां दोस्तो अभी प्रदेश में डेमोग्राफिक चेंज पर हुई बहस ठंडी भी नहीं पड़ी कि अब देहरादून में हो गया बांग्लादेशी महिलाओं का पर्दाफाश। साजिश का एक ऐसा खेल जिकी अब कुल चुकी है पोल, कैसे हुआ बड़ी साजिश का खुलासा बताउंगा आपको। Conspiracy of Bangladeshi women in Uttarakhand दोस्तो ये खबर साजिश और बडे खेल का मामला। मामला बेहद संवेदनशील और अहम है। क्योंकि ये मामला हमारी सुरक्षा और हक पर पड़ते डांके की है। दोस्तो उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है, जहां पर वीवीआईपी कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा चप्पे चप्पे पर पैनी नजर रखी जा रही है। वहीं पुलिस प्रशासन द्वारा चेकिंग अभियान और ऑपरेशन कालनेमि भी चलाया जा रहा है। इसी बीच देहरादून में अवैध रूप से रह रही बांग्लादेशी को जब पुलिस ने पड़का तो एक नया सुलासा हो गया। दोस्तो पुलिस ने दो बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया है, जो अवैध रूप से राज्य में रह रही थीं और वीवीआईपी कार्यक्रमों के दौरान संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त थीं। एक महिला स्वाति उपाध्याय के नाम से रह रही थी, जबकि दूसरी शिवली उर्फ सना। पुलिस के मुताबिक दोनों ने भारतीय नागरिकों से विवाह रचा और बच्चों के साथ रह रही थीं।

प्रशासन की कड़ी कार्रवाई और सतर्कता के बीच ये मामला राज्य की सुरक्षा के लिए बड़ा अलर्ट बन चुका है। दोस्तो हैरानी की बात तो ये है कि एक बांग्लादेशी महिला स्वाति उपाध्याय के नाम से रहते हुए विवाह करके एक बच्ची को जन्म दे चुकी है, जबकि दूसरी महिला भी भारतीय नागरिक से विवाह करके एक बच्चे को जन्म दे चुकी है। इस घटना की सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। दोस्तो जो जानकारी मिली उसके मुताबिक राजधानी देहरादून में वीवीआईपी कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन की टीम अपने-अपने थाना क्षेत्र में संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश में जुटी हुई है, जिसके तहत उनके सत्यापन का कार्य भी तेजी से चल रहा है। इसी बीच कोतवाली पटेल नगर क्षेत्र के अंतर्गत स्थानीय पुलिस और एलआईयू की संयुक्त टीम द्वारा चेकिंग अभियान चलाया गया। दोस्तो जिसमें संस्कृति लोक कॉलोनी पटेल नगर क्षेत्र मे 2 संदिग्ध महिलाएं मिली। वही दोनों महिलाएं बांग्लादेश की नागरिक पाई गई जिन्होंने अवैध रूप से बॉर्डर पार कर भारतीय सीमा मे घुसपैठ करना स्वीकार किया है। दोनों महिलाओं के फोन से उनके बांग्लादेशी पहचान पत्र भी बरामद किए गए हैं। जिसके आधार पर यह साफ हुआ कि दोनों अवैध रूप से राजधानी देहरादून में रह रही थी। दोनों महिलाओं को नियमानुसार बांग्लादेश डीपोर्ट किए जाने के संबंध में कार्यवाही चल रही है।

यहां दोस्तो खबर ये भी कि दोनों महिलाओं में से एक मरियम नाम की महिला है जो स्वाती उपाध्याय के नाम से देहरादून में रह रही थी, जबकि वह मूल रूप से बांग्लादेश के बरगुना की निवासी है। वहीं दूसरी महिला दो दो नामों शिवली अख्तर और जॉली के नाम से देहरादून में रह रही थी वो मूल रूप से बांग्लादेश के कुमिल्ला की रहने वाली है। दोस्तो बताया जा रहा है कि दोनों महिलाएं एक दूसरे से दिल्ली में मिली और एक साथ देहरादून आई थी। अब दोस्तो दोनों देहरादून पहुंची तो फिर दोनों ने कैसे किया खेल वो देखिए, स्वाति उपाध्याय बनी मरियम ने भारतीय नागरिक धर्मवीर से शादी की। जो टैक्सी चालक है और उसी की टैक्सी से दोनों दिल्ली से देहरादून आई। इतना ही नहीं मरियम ने भारत में रहने के लिए धर्मवीर को अपने झाल मे फंसाया और उससे विवाह रचाया। धर्मवीर से उसकी 1 साल की बेटी है, जबकि दूसरी महिला की बात करूं तो शिवली उर्फ सना ने सहारनपुर में कारपेंटर का काम करने वाले सलमान से निकाह किया था। सलमान से मॉल में मुलाकात के दौरान उसने खुद के मॉल में ही काम करने की बात बताकर शादी के लिए उसे मनाया था। सना का 10 महीने का बेटा है। अब दोस्तो यहां आपको ये भी बता दूं कि इससे पहले भी 7 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर डिपोर्ट कर बांग्लादेश वापस भेजा जा चुका है और अब ये नया खुलासा क्या कहता है। देखिए दोस्तो ये मामला केवल दो महिलाओं की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है। देहरादून में वीवीआईपी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन की सतर्कता ने समय रहते एक बड़ी साजिश को बेनकाब कर दिया। स्वाति उपाध्याय और शिवली ने भारतीय नागरिकों से विवाह कर रहकर अपनी पहचान छुपाई और अपने उद्देश्य को अंजाम देने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की सक्रियता ने इस योजना को नाकाम कर दिया। ये घटना ये साफ दिखाती है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियां किस तरह हर स्तर पर सतर्क हैं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करती। प्रशासन ने दोनों महिलाओं से उनके बांग्लादेशी पहचान पत्र बरामद कर उनके अवैध रहने की पुष्टि की है और अब उन्हें नियमों के अनुसार डीपोर्ट किया जाएगा, लेकिन और ऐसे कितने लोग है बल। आने वाले समय में भी पुलिस प्रशासन इसी तरह सतर्क रहेगा और वीवीआईपी कार्यक्रमों और नागरिक सुरक्षा में कोई कमी नहीं आने देगा तो ठीक है। वरना यहां जहां तहां बसे लोग कहीं एक दिन प्रदेश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा ना बन जाएं।