नगर निगम-प्रशासन की सरपरस्ती से बिल्डर बेखौफ ! | Haldwani News | Uttarakhand News

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जी हां दोस्तो उत्तराखंड की एक कड़वी सचाई पर खुलासा करने जा रहा हूं, सिस्टम की शह पर कैसे पल रहे कई बिल्डर, कैसे अवैध निर्माण और दबंगई का गठजोड़ एक पत्रकार पर भारी पड़ गया। नगर निगम और प्रशासन की सरपरस्ती में ऐसी कार गुजारी, कि जिसके राज खुलने के डर एस एक पत्रकार पर हो गया जान लेवा हमला। Patronage of the Municipal Corporation Administration सब बताउंगा आपनी इस रिपोर्ट के जरिए, दोस्तो उत्तराखंड की हल्द्वानी में सिस्टम की शह पर दबंगई का खेल जारी है। नगर निगम और शहर प्रशासन की कथित लापरवाही के बीच बिल्डर चौहान अपने अवैध निर्माण और दबंगई के कारोबार में बेखौफ दिख रहा है। रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकारों के साथ मारपीट जैसी घटनाएं इस दबंगई की हदें दिखा रही हैं। अवैध निर्माण और प्रशासन की सरपरस्ती — क्या यही है उत्तराखंड के विकास का सच? जी हां दोस्तो आज के दौर में खबर दिखाने के मतलब है कि अपनी जान को जोखिम डालना। एक पत्रकार जब सिस्टम की गलतियों को उजागर करता है, तो उस पर जानलेवा हमला हो जाता है। एक ऐसा मामला अपने उत्तराखंड का जहां अवैधन अतिक्रमण की कवरेज कर रहे पत्रकार पर कैसे हुआ जान लेवा हमला। कैसे पत्रकार को सच दिखाने पर 15 फिट गहरे नाले में फेंक दिया गया। दोस्तो नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में एक भयावह और चिंताजनक घटना ने सभी को झकझोर दिया। सरकारी सिंचाई नहर पर अतिक्रमण की रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार दीपक अधिकारी पर दो अज्ञात बदमाशों ने जानलेवा हमला कर दिया।

मामला इतना गंभीर था कि उन्होंने पहले पत्रकार के साथ मारपीट की और फिर उसे सड़क से 15 फीट गहरी नहर में धक्का दे दिया। तस्वीर गवाही दे रही हैं दोस्तो और स्थानीय लोगों के अनुसार जैसे ही पत्रकार ने अपने कैमरा और निकालकर रिपोर्टिंग शुरू की, वैसे ही दो बदमाश मौके पर पहुंचे और पत्रकार से अभद्रता करने लगे। उनका पहला कदम केवल धमकाना नहीं था, बल्कि उन्होंने उसे मारपीट कर गंभीर नुकसान पहुँचाने की पूरी कोशिश की। दोस्तो इस घटना ने शहर में सनसनी मचा दी। ऐसा नहीं कि ये पहली बार था इससे पहले ऊंचापुल क्षेत्र में रिपोर्टिंग के दौरान रिपोर्टर दीपक अधिकारी के साथ मारपीट की घटना को अंजाम देने के चार दिन पहले भी अराजक बिल्डर चौहान और उसके चेले हल्द्वानी के एक और वरिष्ठ पत्रकार सचिन जोशी के साथ अभद्रता कर चुके थे, लेकिन इसे दुस्साहस कहूं या फिर नगर निगम, विकास प्राधिकरण और शहर प्रशासन की सरपरस्ती वाली काहिली कि बिल्डर चौहान की दबंगई जारी रही। ऐसे में दोस्तो इस खुल्लमखुल्ला वारदात ने हल्द्वानी में अवैध निर्माण में नगर निगम और प्रशासन की शह को भी बेपर्दा किया। फिलहाल एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल के निर्देशन में बनी टीम ने आरोपी अजीत चौहान और अनिल चौहान को गिरफ्तार कर लिया है और आरोपियों के अवैध निर्माण पर बुलडोडर की कार्रवाई कर उस निर्माण को तोड़ दिया गया। दोस्तो अब पुलिस कार्रवाई की बात कर रही है लेकिन अराजक बिल्डर के हमले में रिपोर्टर दीपक को कई गुम चोटें आईं। उनका उपचार कृष्णा हॉस्पिटल के सीसीयू में चल रहा है। मामले में पीड़ित पत्रकार की थाना मुखानी में दी गई तहरीर पर अजीत चौहान और अनिल चौहान नाम के दो अराजकों पर मारपीट और जान से मारने की नीयत से हमला करने के संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन सब इस लिए हुआ क्योंकि एक पत्रकार ने सिस्टम के खेल को उजागर करने की कोशिश की।

ऊंचापुल नाले के ठीक बगल में अवैध निर्माण कर कमाई का सपना मूल रूप से यूपी के रहने वाले दबंगों ने हल्द्वानी के सिस्टम में बैठे जिम्मेदारों की शह के बिना बुन लिया हो, ऐसा नामुमकिन है, खबर थोड़ा गौर कीजिएगा। ये मामला था क्या क्यों एक पत्रकार पर खबर दिखाने और बताने से रोका गया। दोस्तो उत्तराखंड में पत्रकार पर हमले के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। हल्द्वानी में अवैध निर्माण की कवरेज के दौरान हुई मारपीट के मामले में अब बड़ा एक्शन लिया गया है। पत्रकार पर हमला करने वालों के खिलाफ जहां सख्त कार्रवाई की जा रही है, वहीं प्रशासन ने घटना से जुड़े अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाते हुए स्पष्ट संदेश दिया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं। इधर दोस्तो इस मामले में प्राधिकरण का ये कहना कि नक्शा हमेशा भूमिधर की जमीन पर पास होता है। नक्शा पास करने के लिए हमेशा जमीन का रिकॉर्ड लगाया जाता है, उस रिकॉर्ड के आधार पर ही नक्शा पास होता है, लेकिन कई बार लोग उस नक्शे के आधार पर सरकारी जमीन पर निर्माण कार्य कर देते है। हल्द्वानी में नाले की जमीन पर कब्जे का प्रयास किया गया, उसको आज यहां पर हटाया गया है। इतना ही नहीं साथ ही ये भी कहा गया है कि यदि इस मामले में जेई और एई ने कोई कोताही बरती होगी तो उसकी भी जांच कराई जाएगी। तो दोस्तो हल्द्वानी में पत्रकार पर हमले के बाद प्रशासन की सख्ती साफ दिख रही है। अवैध निर्माण पर बुलडोज़र चलाकर सरकार ने यह संदेश दे दिया है कि पत्रकारों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अब देखना होगा कि आगे इस मामले में और कौन-कौन पर कार्रवाई की जद में आता है।

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