पुलिस पर सवालों की बौछार है केशव थलवाल के बाद एक महिला ने भी खोली जुबान, टिहरी सुलगने को तैयार, क्योंकि एक बड़े आंदोलन, धरना प्रदर्शन की खबर आ रही है। दगड़ियो जहां पुलिस अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोपों ने पूरे जिले की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले केशव थलवाल ने पुलिस वालों पर अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया और अब एक महिला भी सामने आई है, जिसने जुबान खोली है तो बहुत कहा है। उस पुलिस अधिकारी के खिलाफ जिसका नाम है धरमेंद्र रौतेला। तो टिहरी पुलिस आरोपों के घेरे में खिरती दिखाई दे रही है… एक के बाद एक आरोप पुलिस अधिकारी धर्मेंद्र रौतेला पर लग रहे हैं। पहले केशव थलवाल, अब एक और महिला ने आरोप लगाएं कि जो केशव के साथ हुआ, वही मेरे बच्चों के सामने मेरे साथ भी किया गया। महिला ने यहां तक कह दिया कि बच्चों के कारण जिंदा हूं,वरना आत्महत्या कर चुकी होती। इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने सफाई दी है, आरोपी अधिकारी का तबादला कर दिया गया है, और टिहरी एसएसपी ने जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। अब खबर ये है कि UKD और स्थानीय लोग इस मामले में बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। तो क्या एक तबादला इस गंभीर मामले का हल है? क्या वर्दी वालों पर लगते ये आरोप सिस्टम की सड़न का संकेत हैं?
तो दगड़ियो टिहरी जिले की कानून व्यवस्था पर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है, जिस पुलिस अधिकारी पर कुछ दिन पहले केशव थलवाल ने अमानवीय व्यवहार और उत्पीड़न का आरोप लगाया था, अब उसी अधिकारी पर एक स्थानीय महिला ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि “जो केशव के साथ हुआ, वही मेरे बच्चों के सामने मेरे साथ भी हुआ। मेरे बच्चे न होते तो मैं आत्महत्या कर चुकी होती। तो दोस्तो ये बयान केवल व्यक्तिगत पीड़ा नहीं है, यह उस सिस्टम पर तमाचा है जो जनता की सुरक्षा का दावा करता है लेकिन जब वही वर्दी जनता के लिए खतरा बन जाए, तो सवाल उठना लाज़मी है। क्या है पूरा मामला? बल ये तो मैने आपको दिखाया है कि केशव थलवाल का मामला सामने आने के बाद पूरे इलाके में हलचल मच गई थी। उन्होंने एक पुलिस अधिकारी पर मारपीट, गाली-गलौज और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। अब एक महिला ने भी सामने आकर कहा है कि उसी पुलिस अधिकारी ने उन्हें इतना प्रताड़ित किया कि आत्महत्या करने की नौबत आ गई थी। महिला ने कहा, “मेरे बच्चों के सामने मुझे अपमानित किया गया। वे डरे-सहमे हैं, मानसिक रूप से टूट चुके हैं। इतना ही नहीं और बहुत कुछ आप ने सुना दोस्तो मामला तूल पकड़ते ही टिहरी
एसएसपी का बयान आया है जिसमें कहा गया है कि हम गंभीरता से मामले की जांच कर रहे हैं। पीड़ित पक्षों की बातें सुनी जाएंगी और निष्पक्ष कार्रवाई होगी। क्या कहा वो भी दिखा रहा हूं। एसएसपी टिहरी ने जांच के आदेश दिए हैं और यह भी स्पष्ट किया है कि आरोपित पुलिस अधिकारी का तबादला कर दिया गया है। हालांकि, सवाल यह है कि क्या सिर्फ तबादले से मामला खत्म हो जाएगा? क्या मानसिक प्रताड़ना झेल रहे पीड़ितों को इंसाफ मिल पाएगा? इधर इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब टिहरी में बड़ा जनआंदोलन उभरने के संकेत मिल रहे हैं। उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के कार्यकर्ताओं ने साफ कर दिया है कि अगर दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो सड़क से सदन तक आंदोलन छेड़ा जाएगा.. कुछ समाजिक संगठन भी इस मामले में खुल कर सामने आ रह हैं। एक बड़ा धरना प्रदर्शन पुलिश की कार्यशैली के खिलाफ होने जा रहा है। अब यह मामला सिर्फ केशव या एक महिला का नहीं रहा। यह टिहरी की अस्मिता, नागरिक अधिकारों और पुलिस प्रशासन के जवाबदेही से जुड़ा सवाल बन चुका है। स्थानीय सामाजिक संगठनों, छात्र संगठनों और अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठानी शुरू कर दी है। दोस्तो यहां बता दूं कि कानून कहता है कि पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह जनता के जान-माल की रक्षा करे, न कि उन्हें प्रताड़ित करे। भारतीय दंड संहिता और मानवाधिकार कानून ऐसे किसी भी अत्याचार और मानसिक उत्पीड़न को गंभीर अपराध मानते हैं, यदि जांच में आरोप सही साबित होते हैं, तो न सिर्फ विभागीय कार्रवाई, बल्कि फौजदारी मुकदमा भी बनता है। इस मामले ने उत्तराखंड में कानून व्यवस्था, पुलिस की कार्यशैली और शासन की जिम्मेदारी पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। केवल एक पुलिस अधिकारी का तबादला, उन जख्मों का इलाज नहीं हो सकता जो पीड़ितों को दिए गए हैं। अब देखना होगा कि क्या सरकार और पुलिस प्रशासन इस मामले को मामूली औपचारिक कार्रवाई तक सीमित रखेगा, या सच्चाई सामने लाकर दोषियों को सज़ा दिलाएगा।