जी हां दोस्तो उत्तराखंड में गायक और गीतों को लेकर खूब बवाल होता रहा है एक बार फिर गढ़वाली गायिका के गाने से खलबली मची है। सिर्फ खलबली ही नहीं इस बार तो इस युवा गायिका कानून नोटिस तक भेजा जा चुका है, आखिर क्यों ऐसा क्या हुआ है। क्या किसी गाने को लेकर विवाद है या फिर कुछ और मामला है बताउंगा आपको पूरी खबर अपनी इस रिपोर्ट के जरिए। दोस्तो अपने गीतों से लोगों को थिरकने पर मजबूर करने वाली उत्तराखण्ड की युवा गायिका प्रियंका मेहर एक बार फिर चर्चाओं में हैं। इस बार उनके सुर्खीयां बनने का कारण यूट्यूब चैनल से हाल ही में रिलीज हुआ वो नया गीत, “स्वामी जी प्लीज़” हैं, जिसके बाद से चमोली जिले की पवित्र और सांस्कृतिक रूप से अहम उर्गम घाटी में विवाद खड़ा हो गया है। जी हां दोस्तो उत्तराखंड में एक बार फिर लोकसंगीत से उठी ताल अब विवाद की गूँज बन गई है। गढ़वाली गायिका प्रियंका मेहर का नया गीत—‘स्वामी जी प्लीज़’—जारी होते ही मुश्किलों में घिर गया है। गाने की एक पंक्ति ने उर्गम घाटी में ऐसा तूफ़ान खड़ा किया कि अब मामला सीधे कानूनी नोटिस तक पहुँच चुका है। आख़िर किस बात से भड़के स्थानीय लोग? गीत की कौन-सी लाइन को बताया गया आपत्तिजनक? और क्यों कहा जा रहा है कि पवित्र घाटी की ‘सामुदायिक प्रतिष्ठा’ आहत हुई है? मै आपको बताउंगा पूरी जानकारी इसलिए वीजियो को अंत जरूर देखिएगा। दोस्तो दरअसल ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा गीत की कुछ पंक्तियों को आपत्तिजनक मानते हुए क्षेत्र की सामाजिक मर्यादा को ठेस पहुंचाने का आरोप गढ़वाली गायिका प्रियंका मेहर पर लगाया है। इसी आधार पर गांव की ओर से अधिवक्ता सुरभि शाह के माध्यम से प्रियंका मेहर को औपचारिक कानूनी नोटिस भेजा गया है।
दोस्तो यहां मै आपको ये भी बता दूं कि ये नोटिस अधिवक्ता सुरभि शाह द्वारा अपने मुवक्किल अनुप सिंह नेगी, जोकि जोशीमठ के ब्लाक प्रमुख हैं, उनकी ओर से भेजा गया है। जिसमें बताया गया है कि ये नोटिस 28 अक्टूबर 2025 को गायिका के यूट्यूब चैनल पर जारी किए गए गीत “स्वामी जी प्लीज” से संबंधित है। नोटिस में कहा गया है कि इस गीत में शामिल एक पंक्ति, “उर्गम के कस्से में दगड़ियों के साथ फुल नशे में”, उर्गम घाटी और उसके परिवेश को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत करती है, ये लाइन सामुदायिक मानहानि की श्रेणी में आती है और पूरे क्षेत्र की सामाजिक प्रतिष्ठा को प्रभावित करती है। दोस्तो उत्तराखंड की उर्गम घाटी न सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जानी जाती है, बल्कि धार्मिक नजर से भी ये अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यहां पंच बद्री में शामिल ध्यान बद्री और पंच केदार में सम्मिलित भगवान कल्पेश्वर के पवित्र मंदिर भी हैं। वहीं आपको ये भी बता दूं कि ग्रामीणों का कहना है ऐसे पवित्र स्थल वाले क्षेत्र को नशे से जोड़कर दिखाना अस्वीकार्य है। उनका दावा है कि गीत की इन पंक्तियों से न केवल स्थानीय आबादी की भावनाएँ आहत हुई हैं, बल्कि देवस्थल की गरिमा और सांस्कृतिक पहचान को भी क्षति पहुँची है। इतना भर नहीं है इसके अलावा गाने को हटाने, सार्वजनिक माफी और मुआवजे की मांग की जा रही है। नोटिस भेजने वाले प्रतिनिधि अनूप सिंह नेगी (ब्लॉक प्रमुख, जोशीमठ) की ओर से तीन मुख्य मांगें रखी गई हैं गीत को सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से तत्काल हटाया जाए। उर्गम गांव और स्थानीय समुदाय से लिखित व वीडियो के माध्यम से सार्वजनिक माफी मांगी जाए। क्षेत्र की प्रतिष्ठा को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उचित मुआवजा प्रदान किया जाए। इसके अलावा दोस्तो नोटिस में ये भी साफ किया गया है कि यदि प्रियंका मेहर 15 दिनों के भीतर इन शर्तों का पालन नहीं करतीं, तो ग्राम सभा मानहानि सहित संबंधित कानूनी धाराओं में मामला दर्ज करने के लिए बाध्य होगी। इसके बाद होने वाले सभी कानूनी खर्च और दुष्परिणामों की जिम्मेदारी गायिका की होगी। उधर हालांकि दोक्तो अभी तक इस संबंध में गढ़वाली गायिका प्रियंका मेहर का कोई बयान सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आया है लेकिन उनके साथी द्वारा सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर प्रियंका मेहर की निजी जानकारी साझा करने पर कड़ी आपत्ति जताई है। वीडियो में उनका कहना है कि किसी का भी पता और संपर्क सूत्र (मोबाइल नंबर) सार्वजनिक करने का अधिकार किसी को भी प्राप्त नहीं है।
उनका कहना है कि यह निजता के अधिकार (प्राइवेसी) का उल्लघंन है, उन्होंने न केवल जोशीमठ के ब्लाक प्रमुख अनुप नेगी द्वारा मोबाइल नंबर और पते सहित प्रियंका मेहर को भेजें गए इस नोटिस को सोशल मीडिया पर वायरल करने पर कड़ी भर्त्सना की है बल्कि कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा भी इस तरह की हरकतें दोहराएं जाने की बात करते हुए कड़ी नाराजगी जताई है और इस संबंध में विधिक कार्यवाही करने की बात कही है दोस्तो इस विवाद का जड़ है एक विवादित गाना जो गायिका प्रियंका महर ने गाया है। गीत “स्वामी जी प्लीज” में “उर्गम के कस्से में दगड़ियों के साथ फुल नशे में देवभूमि उच्च केदार क्षेत्र के उर्गम गाँव के लिए अपमानजनक व आपत्तिजनक और असभ्य शब्दों का प्रयोग किया गया है। जिस से गाँव की सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है जोकि सामुदायिक मानहानि के दायरे में आती है। एडवोकेट सुरभि शाह ने कानूनी नोटिस में लिखा है कि आपकी इस हरकत से उर्गम गाँव के निवासियों की भावनाएँ आहत हुई हैं और उनकी सामाजिक छवि को अनुचित क्षति पहुँची है। आपके उक्त गाने से उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व भर में उर्गम गाँव की छवि धूमिल हुई है जिस कारण समस्त क्षेत्र वासियों में रोष है। दोस्तो उर्गम गाँव अपने आप में धार्मिक महत्व रखता है पंच बद्री में से एक बद्री ध्यानबद्री और पंच केदार में से एक केदार भगवान कल्पेश्वर के रूप में साक्षात उर्गम गांव में विराजमान है जिस कारण प्रियंका मेहर के गाने से गांव में विराजमान देवी देवीताओ का अपमान हुआ है और समस्त छेत्र वासियों की धार्मिक भावनाओ को आघात पहुंचाया है, इस लिए अब गढ़वाली गायका विवादों में है।