अंतिम संस्कार के बाद भी जिंदा है शिवम! | Kedarnath | Viral News | Uttarakhand News

Spread the love

जी हां दोस्तो उत्तराखंड के केदारनाथ आपदा का एक ऐसा चौंकाने वाला चमत्कार सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है, सोचिए एक व्यक्ति जिसे 12 साल पहले बाढ़ में लापता माना गया, उसका अंतिम संस्कार तक कर दिया गया, और वो अचानक अपने घर हरिद्वार में लौट आया, लेकिन कैसे हुआ कि अंतिम संस्कार के बाद भी वह जिंदा रहा?कैसे वो महाराष्ट्र तक पहुँचा और अब अपने परिवार के पास लौट आया? ये खबर आपको यकीन नहीं होने देगी। दोस्तो मै इस रहस्य से भरी कहानी के हर पहलू को बताउंगा आपको जहां आस्था, आपदा और चमत्कार का अनोखा संगम देखने को मिलता है। दोस्तो उत्तराखंड के लिए 16 और 17 जून साल 2013 का दिन काले दिनों में से एक गिना जाता है, क्योंकि इस दिन ही रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम में बाढ़ के कारण भारी त्रासदी मची थी, जिसमें कई लोगों की जान गई जबकि भारी संख्या में लोग लापता तक हो गए थे। दोस्तो केदारनाथ आपदा में हरिद्वार जिले का एक व्यक्ति भी लापता हो गया था, जिसे उसके परिजन मृत मान चुके थे इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने उस व्यक्ति का अंतिम संस्कार तक कर चुका था। हालांकि हैरानी की बात तो ये है कि करीब 12 साल बाद व्यक्ति के परिजनों को खबर मिली कि जिसका अंतिम संस्कार वो मृत समझकर कर चुके है असल में वो व्यक्ति जिंदा है। दरअसल दोस्तो हरिद्वार जिले के रुड़की के रहने वाले 55 साल के शिवम साल 2013 मे रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम की यात्रा पर गये थे, लेकिन 16-17 जून की भीषण (बाढ़) त्रासदी में शिवम भी अन्य लोगो के साथ लापता हो गये जबकि कई लोगों की जिंदगियां हमेशा के लिए केदारनाथ में दफन हो गई। कई दिनों तक शिवम के परिजन उसकी खोजबीन करते रहे लेकिन उन्हें शिवम के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। शिवम का कुछ सुराग न मिल पाने के कारण उसके परिजनों ने मान लिया था कि शिवम केदारनाथ आपदा में मर चुके हैं, जिसके चलते उन्होंने शिवम का अंतिम संस्कार तक कर दिया और सरकारी सूची में शिवम का नाम मृतको की सूची में दर्ज हो गया।

दोस्तो शिवम के परिजन दिन रात शिवम को याद करते हुए रोते रहे तभी अचानक से 12 साल बाद उन्हे खबर मिली की शिवम जिंदा हैं जो अपने भाई के साथ वापस घर लौटें शिवम को जिंदा देखकर हर किसी की आंखें खुशी से भर आई और उन्होंने इस घटना को किसी चमत्कार से कम नहीं माना। दोस्तो यहां मै पाको बता दूं कि शिवम कई सालों से महाराष्ट्र के संभाजीनगर ( औरंगाबाद) स्थित एक मंदिर में रह रहे थे साल 2021 में उन पर चोरी की घटना का गंभीर आरोप लगा इसके बाद पुलिस ने कुछ चोरों को पकड़ने के बाद बेवजह शिवम का नाम भी मामले मे जो़ड़ दिया। दोस्तो जब कोर्ट में पेशी हुई तो शिवम की मानसिक स्थिति को देखते हुए पुणे के रीजनल मेंटल हॉस्पिटल RMH मे उन्हें भर्ती करने का आदेश दिया गया। इसके बाद अदालत ने साफ किया कि चोरी के मामले में शिवम का कोई लेना देना नहीं है। RMH की समाज सेवा अधिकार रोहिणी भोसले ने बताया कि शिवम पहाड़ी बोली बोलता थे और पोलियो की वजह से उन्हें चलने फिरने में काफी दिक्कत थी। वैसे तो दोस्तो लंबे समय तक शिवम की पहचान नहीं हो पाई वहीं जब 2023 मे शिवम ने अपने स्कूल का नाम प्रेम विद्यालय रुड़की लिया तो इसके जरिए ही शिवम की अन्य जानकारियां जुटाई जाने लगी। तुरंत रुड़की पुलिस प्रशासन से संपर्क किया। जिसके बाद पुलिस प्रशासन की टीम ने शिवम के परिवार का पता लगाया और डीएनए टेस्ट के बाद शिवम की पहचान पक्की हुई। दोस्तो डॉक्टर के मुताबिक शिवम को डिसऑर्गेनाइज्ड सिजो-फ्रेनिया की बीमारी है जिसमे व्यक्ति की सोचने और बोलने की क्षमता पूरी तरह से अव्यवस्थित हो जाती है। इसी का असर है कि शिवम को ये याद तक नहीं है की बाढ़ के बाद वो केदारनाथ से महाराष्ट्र कैसे पहुंचे, लेकिन 12 साल बाद ही सही लेकिन आज शिवम अपने परिवार के पास पहुंच चुके है। दोस्तो 12 साल बाद जिंदा लौटे शिवम ने न सिर्फ अपने परिवार की आंखों में खुशी के आंसू ला दिए, बल्कि हम सभी को भी ये याद दिलाया कि कभी-कभी जीवन के रहस्य और चमत्कार हमारी कल्पना से परे होते हैं।