ब्यूरोक्रेसी बनाम MLA की जंग में नया धमाका नेताओं की बगावत तेज़! | Uttarakhand News | CM Dhami

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आपदा की घड़ी में उत्तराखंड की धरती सिर्फ कुदरत से नहीं कांप रही, बल्कि सत्ता के गलियारों में भी जबरदस्त हलचल है। एक ओर पहाड़ों में कहर बरपाती बारिश, दूसरी ओर ब्यूरोक्रेसी और विधायकों के बीच सियासी संग्राम, गणेश जोशी के बाद अब एक और विधायक उतर आए हैं मैदान में, Harish Dhami Pithoragarh DM controversy पिथौरागढ़ DM पर गंभीर आरोप, और विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने की तैयारी, तो क्या उत्तराखंड में अब ब्यूरोक्रेसी बनाम नेतागिरी की आर-पार की जंग शुरू हो चुकी है? दोस्तो आब मुझे बताइयेगा कि मै सवाल क्यों ना करूं, कई लोग कहते अपना आकलन कर की आप ने उस अधिकारी के खिलाफ क्यों बोला, वो सही है या वो सो। आपने उस विधायक के खिलाफ क्यों बोला। मामला ये लेकर आया हूं कि क्या प्रदेस में ब्यूरोक्रेसी बनाम MLA की जंग में नेताओं की बगावत क्यों देखने को मिल रही है। दोस्तो हमने कई बार देखा है आम लोग तो कहते हैं कि अधिकारी फोन नहीं उठाते बात सही से नहीं सुनते और ये सो, लेकिन जब मेरे आपके जनप्रतिनिधी ये बात कहने लग जाएं तो क्या कहेंगे बल। दगड़ियो अपने प्रदेश में आसमानी आफत जहां लोगों की मुसीबत बढ़ा रही है तो अफसरों का रवैया जनप्रतिनिधियों का पारा भी गर्म कर रहा है। हाल ही में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की तस्वीर सामने आने के बाद अब कांग्रेस के विधायक हरीश धामी ने भी जिलाधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। स्थिति यह है कि उन्होंने विधानसभा में विशेषाधिकार हनन लाकर अधिकारी को दंडित करवाने की भी बात कही है।

दगड़ियो ये आरोप अधिकारीयों पर क्यों लग रहे हैं बल, कभी अपने तो कभी विपक्षी विधायक प्रशानिक जिम्मेदारों पर सवाल कर रहे हैं फिर वो चाहे पुलिस हो या जिला प्रशासन जिलाधिकारी। दोस्तो उत्तराखंड में आपदा के दौरान जनप्रतिनिधियों का फोन नहीं उठाने का मामला अब और आगे बढ़ गया है। हाल ही में देहरादून के जिलाधिकारी संबिन बंसल और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की तस्वीरें सार्वजनिक हुई थी। जिसमें कैबिनेट मंत्री जिलाधिकारी को खरी खोटी कहते हुए नजर आए थे। बड़ी बात यह है कि तब भी जिलाधिकारी ने कैबिनेट मंत्री की बातें सुनने के बजाय वहां से जाना ज्यादा बेहतर विकल्प समझा, तब भी मैं इस बात को बोला था लेकिन कुछ लोगों ने मुझे कहना शुरू कर दिया पक्षपाती सरकार की बात या मंत्री का पक्ष कर लेकिन मैं तो सिर्फ खबर को बताया था जो दिखाई दे रहा था। लेकिन यहां दोस्तों अब बाद सत्ताधारी मंत्री की नहीं है बल्कि कांग्रेस के एक ऐसे विधायक की है जिसने अपने जिले के जिलाधिकारी को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कांग्रेस विधायक हरीश धामी धारचूला से चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं उन्होंने पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी समेत प्रशासन के कुछ दूसरे अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ अनुशासन आत्मक कार्यवाही करने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख दिया है जिसमें जिलाधिकारी पिथौरागढ़ विनोद गिरि पर फोन नहीं उठाने के आरोप लगाए हैं।

दगड़ियों खास बात यह है कि इससे पहले देहरादून में आपदा के दौरान ही जिला अधिकारी देहरादून सभी बंसल के फोन नहीं उठाए जाने को लेकर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से बातचीत वायरल हुई थी। यह मामला काफी चर्चाओं में रहा किस जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर खूब देखा गया हालांकि तब कांग्रेस से जुड़े लोग जिलाधिकारी के पक्ष में खड़े हो गए थे लेकिन आप कांग्रेस के ही विधायक पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी पर इसी तरह के आरोप लगा दिए हैं। हरीश धामी ने इस मामले पर बात करते हुए कहा कि जनता आपदा जैसे हालातो में अवसर को नहीं बल्कि जनप्रतिनिधियों को परेशान करती है। ऐसे में अधिकारियों को अपना रवैया बदलना चाहिए। जिससे जनप्रतिनिधियों की बातों को गंभीरता से लिया जा सके पुलिस स्टॉप हरीश धामी ने कहा वह इस मामले को विधानसभा में विशेषाधिकार हनन के रूप में लेंगे पुलिस स्टॉप दोस्तों मैं यह कतई नहीं कहता कि जिलाधिकारी हर किसी का फोन उठाएं और आप जाकर वक्त में वह भी व्यस्तता होंगे लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सभी से कहा है कि आपदा के वक्त में सभी अधिकारियों का फोन ऑन रहना चाहिए और फोन उठाना चाहिए। तब सवाल बनता है दोस्तों आपदा की मार जय रहे लोगों के बीच मुख्यमंत्री का पहुंचना न सिर्फ राहत का संदेश है बल्कि यह भरोसे की भी एक मजबूत झलक है पुलिस स्टॉप सरकार ने पुनर्वास और मुआवजे की प्रक्रिया जल्द शुरू करने की बात तो कही है लेकिन आप असली चुनौती है की स्थिति को दुरुस्त करने की ऐसे में जिलाधिकारी की भूमिका बड़ी हम हो जाती है और इस हम वक्त में अधिकारी किसी विधायक का फोन नहीं उठाते या उससे उसके क्षेत्र के बारे में चर्चा नहीं करते तो फिर कैसा काम चलेगा।