Haridwar news: धर्मनगरी हरिद्वार में देश और विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. हरिद्वार में कुंभ और अर्ध कुंभ मेले के साथ ही कई बड़े गंगा स्नान भी होते है, मगर उसके बावजूद भी हरिद्वार की स्वास्थ्य सुविधा बिल्कुल ही लाचार है। उत्तराखंड में लगातार दूसरे दिन संवेदनशीलता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई। हरिद्वार ज़िले में एक महिला ने अस्पताल से कुछ ही दूर सड़क पर एक शिशु को जन्म दिया। देर रात के इस मामले में एंबुलेंस काफी देर से पहुंच सकी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक गर्भवती के सड़क पर प्रसव होने के बाद उसके पति ने नवजात को अपनी कमीज़ से ढांक कर सुरक्षित किया।
देर रात एक मजदूर गर्भवती महिला की तबीयत अचानक खराब हो गई। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन एंबुलेंस समय से नहीं पहुंची, जिसके चलते महिला ने बिल्केश्वर रोड ब्लड बैंक के नजदीक सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। एंबुलेंस करीब एक घंटे बाद पहुंची। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उधर, अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ संदीप निगम का कहना है कि महिला व बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती कर लिया गया था। मां और बच्चा स्वस्थ है। बच्चे का वेक्सिनेशन करा दिया गया है। महिला का परिवार मजदूरी करता है। मजदूर परिवार का यह 7 वां बच्चा है। वे बिहार के रहने वाले हैं। महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश गुप्ता ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। वह मामले की जांच कर रहे हैं।
गर्भवती महिला के सड़क पर बच्चे को जन्म देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, वहीं विभागीय अधिकारी इस मामले से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। सड़क पर नवजात को जन्म देने के मामले पर जब सीएमओ से पूछा गया तो सीएमओ खगेंद्र सिंह का कहना है की 108 एंबुलेंस उनके विभाग से संबंधित नहीं है। इसका संचालन स्टेट गवर्नमेंट से होता है. सीएमओ द्वारा महिला और उनके परिजनों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया गया। सीएमओ ने कहा की महिलाओं को परिजनों द्वारा वक्त रहते ही हॉस्पिटल लेकर जाना चाहिए था। मामला संज्ञान में आया है इसकी जांच की जाएगी। इनका कहना है कि महिला हॉस्पिटल में नहीं पहुंची थी इस कारण सड़क पर ही डिलीवरी हुई है।