ठंड से बचने को कार में जलाई अंगीठी, ड्राइवर की गई जिंदगी| Haldwani | Uttarakhand News

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ठंड से बचने के लिए कहीं आप तो नहीं करते कुछ ऐसा, जैसा उत्तराखंड में ठंड से बचने के लिए मथुरा के इस शख्स ने किया। अगर करते हैं तो ये खबर आपके लिए है, कार मै ही क्यों घर में भी ठंड से बचने के लिए अगर आप कोयले का सहारा ले रहे हैं तो उसमें सावधानी जरूरी है। कैसे मथुरा के एक चालक को कार में अंगीठी जलाना पड़ गया महंगा। बाताउंगा आपको अपनी इस रिपोर्ट के जरिए। दोस्तो सर्दियों के मौसम में ठंड से बचने के लिए कई लोग अलग-अलग तरीके अपनाते हैं, लेकिन कभी-कभी ये आदतें जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। एक ऐसा ही दर्दनाक मामला सामने आया, जहां ठंड से बचने के लिए कार में अंगीठी जलाई गई और इसके चलते व्यक्ति की जिंदगी चली गई। आज मै आपको बताउंगा कि ठंड में ऐसी कौन-सी गलतियां खतरनाक साबित हो सकती हैं और उन्हें कैसे बचा जा सकता है और बताउंगा आपको इस हादसे के बारे में, दोस्तो उत्तराखंड समेत देशभर में सूखी ठंड ने लोगों को परेशान कर रखा है ,जिसके चलते कई सारे लोग ठंड से बचने के लिए कोयले की अंगीठी समेत हीटर जलाकर ठण्ड से राहत पाने का प्रयास कर रहे हैं, हालांकि हीटर और कोयले की अंगीठी रात भर जलाना लोगो को अक्सर भारी पड़ जाता है।

ऐसी ही कुछ दुखद खबर नैनीताल जिले से सामने आई, जहां पर कार के अंदर अंगीठी जलाकर सोए कार चालक की जिंदगी चली गई। जो जानकारी है उसके अनुसार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा (सिरोहा, यमुनापार) निवासी मनीष गंधार बीते शनिवार को अपने टैक्सी वाहन संख्या UP16JT8565 मे सवार होकर नोएडा के पर्यटकों को लेकर सरोवर नगरी नैनीताल पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने दिनभर पर्यटकों को नैनीताल घुमाया और रात मे सभी को होटल में छोड़ दिया। इसके बाद मनीष खुद रात के करीब 9:00 बजे सूखाताल पार्किंग मे कार को पार्क कर कार के भीतर कोयले की अंगीठी जलाकर कंबल ओढ़कर सो गए। बस दोस्तो मथुरा का ये चालक सोया तो फिर नहीं उठा। 28 दिसंबर की दोपहर तक जब कार पार्किंग से बाहर नहीं आई तो अन्य पार्किंग कर्मियों ने पुलिस प्रशासन को घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस प्रशासन की टीम ने वाहन को हिला डुलाकर चालक को उठाने का प्रयास किया लेकिन भीतर से कोई हरकत नहीं हुई। इसके बाद शीशा तोड़कर बेसुध चालक को कार से बाहर निकाला गया और बीडी अस्पताल ले जाया गया ,जहां पर डॉक्टरों ने कार चालक को मृत घोषित कर दिया। दोस्तो घटना की जानकारी मृतक के परिजनों को दे दी गई है बताया ये गया कि कार चालक के मुंह से झाग निकल रहा था जिससे ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि कार चालक की मौत अंगीठी की गैस लगने से हुई है।

दोस्तो यहां मै आपको बता दूं कि कोयले के जलने पर कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है।येह गैस बिना रंग, बिना गंध की होती है, इसलिए पता ही नहीं चलता। दोस्तो अब आपको बताता हूं कि इस गैस का शरीर पर क्या असर पड़ता है। कार्बन मोनोऑक्साइड गैस सांस के जरिए शरीर में जाकर खून में ऑक्सीजन की जगह ले लेती है,दिमाग और दिल तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, व्यक्ति को नींद, चक्कर, बेहोशी आती है, अक्सर इंसान को पता भी नहीं चलता और नींद में ही जान चली जाती है अब दोस्तो यहां क्या हुआ होगा। कार चालक ने कार में अंगीठी जलाई और सारे दरवाजे बंद कर दिये। इसलिए कोईला जलने से निकली गैर को बाहर नहीं निकल पाई। जिस वजह से ड्राइवर की जान गई होगी। वैसे दोस्तो ये भी जान लीजिए। बंद जगह में खतरा कई गुना बढ़ जाता है, कार, कमरा या टेंट जैसी बंद जगहों में गैस बाहर नहीं निकल पाती, कुछ ही मिनटों में गैस जानलेवा स्तर तक पहुंच जाती है। ऐसे में दोस्तो मैने शुरुआत में ही कहा कि कहीं आप भी करते हैं ऐसा तो कतई ना करे। खासकर अपने उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में लोग ज्यादा ठंड होने पर कोयले का सहारा लेते हैं। अगर आप कोयले जला भी रहे हैं तो ये गलती बिकुल भी ना करें। बंद कमरे या कार में अंगीठी/कोयला न जलाएं, सर्दी से बचने के लिए कोयले का इस्तेमाल न करें, सुरक्षित हीटर या गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करें। दोस्तो ठंड बचाना भी जरूरी है, लेकिन उस बचाव को लेकर इस्तेमाल में लाई जा रही चीजों के बारे में जानना भी बहुत जरूरी है।