देहरादून में अजीब बीमारी से, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप! क्या आपको भी दिख रहे हैं लक्षण? तो दोस्तो हो जाइए सावधान, फैल रही है रहस्यमयी बीमारी। Infections In Young Children दोस्तो आज में आपको सावधान करने के लिए आया हूं, दोस्तो एक ऐसी रहस्यमयी बीमारी के बारे में बताने जा रहा हूं, जो राजधानी के लोगों के लिए बड़ी परेशानी बन रही है। दोस्तो देहरादून में एक रहस्यमयी बीमारी ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है! अचानक बढ़ते लक्षण, चकत्ते, छाले और बुखार जैसे केसों ने सिस्टम को चौकन्ना कर दिया है। शहर के अस्पतालों से आ रही रिपोर्टों ने हड़कंप मचा दिया है — और अब स्वास्थ्य महकमा पूरी सतर्कता में आ चुका है, तो आखिर क्या है ये बीमारी? क्यों इससे बढ़ रही है चिंता? और क्या आपको भी सतर्क हो जाने की ज़रूरत है? दोस्तो अपने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है ,जहां पर हाथ पैर और मुँह का संक्रमण (HFMD) तेजी से बच्चों में फैल रहा है। इस बीमारी से संक्रमित 5 से 15 साल के आयु वाले बच्चे देहरादून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की पीडियाट्रिक ओपीडी में रोजाना पहुंच रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञ की तरफ से अभिभावकों को बच्चों के प्रति विशेष रूप से सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, ताकि बच्चों में बढ़ते संक्रमण को रोका जा सके।
दोसतो अभी तक मिली जानकारी के अनुसार देहरादून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ और पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉक्टर अशोक कहते हैं कि मौसम में बदलाव होने के कारण वायरल लोड तेजी से बढ़ जाता है। इतना ही नहीं बल्कि वायरल लोड बढ़ने के कारण संक्रमण के पनपने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि हैंड, फुट, माउथ डिजीज HFMD के जब तक शरीर की तीन से चार जगह पर लक्षण दिखाई नहीं देते तब तक इस संक्रमण के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता, किसी बच्चे के मुंह में अगर छाले हो तो उसे हैंड फुट माउथ डिजीज संक्रमण नहीं कहा जा सकता है। दोस्तो आप से गुजारिश है कि बच्चों का बीमारी मे रखें विशेष ध्यान, दोस्तो जबकि हाथ की हथेली , पैर के तलवे और मुँह मे दर्दनाक छाले दिखाई देने के बाद इस डिजीज की पुष्टि की जा सकती है। डॉ अशोक की माने तो अस्पताल की ओपीडी में स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे ज्यादा आ रहे हैं। वो बताते हैं कि ज्यादातर संक्रामक वायरल संक्रमण के लक्षणों वाले बच्चों को सिंप्टो-मेटेकली ट्रीटमेंट दिया जाता है, ये स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में तेजी और आसानी से एक दूसरे पर फैलता है। संक्रमित बच्चों को 5 से 7 दिन तक अभिभावकों को स्कूल नहीं भेजना चाहिए ताकि संक्रमण का फैलाव ना हो सके। अब आपको बताता हूं कि संक्रमण से कैसे करें बचाव। संक्रमण से ऐसे करें बचाव, बच्चों को खूब सारे तरल पदार्थ पीने के लिए दिए जाएं ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके।
बच्चों को समय-समय पर लिक्विड डाइट देते रहे, क्योंकि इस डिजीज में हाई ग्रेड फीवर और दर्दनाक छालों की वजह से बच्चे सबसे पहले भोजन करना छोड़ते हैं। यदि अभिभावकों को बच्चों में बुखार सर्दी खांसी जुकाम के साथ शरीर में लाल फफोले या मुंह में छाले दिखाई दे तो उन्हें स्कूल नहीं भेजे और तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवाई ना ले। तो दोस्तो, ये महज़ एक वायरल संक्रमण नहीं — एक चेतावनी है, सतर्क रहने की। HFMD यानी हैंड, फुट और माउथ डिज़ीज़ भले ही जानलेवा न हो, लेकिन इसका फैलाव बेहद तेज़ी से होता है जैसा डाक्टर कह रहे हैं। साथ ही दोस्तो डॉक्टरों की सलाह साफ है — लक्षण दिखें तो लापरवाही न करें। बच्चों को आराम दें, स्कूल न भेजें और तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें। याद रखिए, एक छोटी सी सावधानी, एक बड़े संक्रमण की चेन को तोड़ सकती है। और दोस्तो मेरी यही कोशिश है कि आप समय रहते जागरूक हों, सचेत रहें — और अपने आसपास के लोगों को भी सतर्क करें।