उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को नया पंख कीर्तिनगर पैराग्लाइडिंग साइट को मिली मंजूरी

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देवप्रयाग विधानसभा की कीर्ति नगर तहसील में पढ़ने वाले बागसैण पैराग्लाइडिंग साइट को मंजूरी दी गई है जिस पर स्थानीय विधायक ने सरकार का आभार व्यक्त किया है। Adventure Tourism in Uttarakhand उत्तराखंड साहसिक पर्यटन में लगातार नए आयाम करता जा रहा है इसी कड़ी में टिहरी जिले की देवप्रयाग विधानसभा के अंतर्गत पड़ने वाले कीर्ति नगर में एक और पैराग्लाइडिंग साइट को आईडेंटिफाई करके मंजूरी दी गई है जल्दी यहां पर पैराग्लाइडिंग की उड़ने भरी जाएगी। स्थानीय दिव्या विधायक विनोद कंडारी ने उत्तराखंड सरकार और पर्यटन विभाग का उनकी विधानसभा में इस पैराग्लाइडिंग साइट को मंजूरी देने पर आभार व्यक्त किया है उन्होंने कहा है कि निश्चित तौर से उनकी विधानसभा में इससे पर्यटन के नए अवसर खुलेंगे और साहसिक पर्यटन की दिशा में उनकी विधानसभा में भी लोगों को रोजगार के साथ-साथ नए क्षेत्र में एक्सप्लोर करने का मौका मिलेगा।

टिहरी गढ़वाल की देवप्रयाग विधानसभा के अंतर्गत आने वाले कीर्ति नगर तहसील की बागसैण पैराग्लाइडिंग साइट को तमाम औपचारिकताओं के बाद आज मंजूरी दे दी गई है। आपको बता दें कि इस संबंध में लगातार लंबे समय से स्थानीय लोगों के द्वारा प्रयास किया जा रहा था जिसे विधायक विनोद कंडारी ने आगे बढ़ाया और 5 अप्रैल 2025 को यहां पर पैराग्लाइडिंग टेक्निकल समिति द्वारा स्थलीय निरीक्षण किया गया जिसके बाद इसे आज मंजूरी दे दी गई है। तो वहीं बागसैण पैराग्लाइडिंग साइट को मंजूरी के साथ-साथ एडवेंचर कंपनियों द्वारा यहां पर आवेदन भी मांग लिए गए हैं।

टिहरी देवप्रयाग विधानसभा में चिह्नित की गई यह नई पैराग्लाइडिंग साइट टेक का स्थल कीर्ति नगर से तकरीबन 28 किलोमीटर की सड़क दूरी के अलावा एक किलोमीटर की पैदल दूरी पर स्थित है। पैराग्लाइडिंग साइट का टेक ऑफ एस्ट्रल समुद्र तल से तकरीबन 2055 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है। तो वही पैराग्लाइडिंग का टेक ऑफ 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड की हैंडराइट इंग इंजेक्शन के दौरान पाई गई थी तो वही पैराग्लाइडिंग टेक्निकल कमेटी के निरीक्षण के दौरान पैराग्लाइडिंग मैटर तानाजी ने यहां पर उड़ान भरी और तकरीबन 7 मिनट की फ्लाइट के बाद लैंडिंग स्थल कीर्ति नगर विकासखंड मुख्यालय से लगभग 22 किलोमीटर दूर स्थित बग्स एंड स्टेडियम में सुरक्षित लैंडिंग की गई। इस फ्लाई के दौरान पैराग्लाइडिंग पायलट को हवा में किसी तरह की विपरीत परिस्थितियों का सामना नहीं करना पड़ा।