रुद्रप्रयाग: रासी-महापंथ-केदारनाथ ट्रैक पर पिछले 22 दिन तक मृत पड़े बंगाल के ट्रेकर का शव को जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने वायुसेना की मदद से निकाल लिया है। शव केदारनाथ से छह किमी दूर ट्रेक पर प्लास्टिक के अंदर रखा हुआ था। इसके बाद शव को चारधाम हेलीपैड लाया गया। जहां से शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया गया है। बता दें कि पिछले माह दो अक्टूबर को दस सदस्यीय पर्यटकों का दल स्थानीय पोर्टरों व गाइडों के साथ रांसी-मनणा-केदारनाथ ट्रेक से केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुआ था। 8 अक्टूबर को दल के महापंथ के निकट पहुंचने पर पश्चिम बंगाल निवासी 34 वर्षीय आलोक विश्वास की तबीयत बिगड़ने के बाद दल के 8 सदस्य केदारनाथ पहुंचे और महापंथ में फंसे दो पर्यटकों की सूचना जिला आपदा प्रबंधन विभाग को दी।
10 अक्तूबर को रेस्क्यू दल मौके पर पहुंचा तो पाया कि ट्रैकर आलोक की मौत हो चुकी है जबकि विक्रम मजूमदार का स्वास्थ्य भी खराब है। टीम ने आलोक के शव को वहीं प्लास्टिक से ढक दिया और विक्रम को केदारनाथ पहुंचाया और विवेकानंद चिकित्सालय में भर्ती कराया। इस क्षेत्र में लगातार बर्फबारी हो रही थी, जबकि जिस स्थान पर शव था वह रास्ता भी काफी खतरनाक था। हेली से ही शव को लाया जाना था। हेली की अनुमति के लिए जिला आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा वायुसेना से संपर्क किया जा रहा था। लेकिन हेली उपलब्ध न होने से शव वहीं ट्रैक पर पड़ा रहा। आखिरकार बुधवार सुबह वायु सेना के चीता हेलीकॉप्टर के सहयोग से जिला आपदा प्रबंधन विभाग की टीम ने शव को निकालने में सफलता हासिल की। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार ने बताया कि चार पोर्टर की संयुक्त टीम ने इस घटना में गत 10 अक्टूबर को घायल ट्रेकर विक्रम मजूमदार को रेस्क्यू टीम उसी दिन केदारनाथ लाने में सफल रही।