अनामिका का गैंगरेप करने के बाद की थी घिनौनी हरकत..सुप्रीम कोर्ट ने आज तीनों आरोपियों को किया बरी

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Chhawla Gang Rape Case: उत्तराखंड के पौड़ी की रहने वाली ‘अनामिका’ दिल्ली का छावला इलाके में एक 19 साल की लड़की का अपहरण कर गैंगरेप और फिर बेहद क्रूरता से हत्या कर देने वाले 3 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया। तीनो ने फांसी की सज़ा बरकरार रखने के हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हाईकोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया। जबकि हाईकोर्ट और निचली अदालत ने इन्हें फांसी की सजा सुनाई थी।

पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 19 साल की लड़की से गैंगरेप के मामले में फांसी की सजा सुनाते हुए दोषियों के लिए बेहद तल्ख टिप्पणी की थी। हाईकोर्ट ने कहा था- ये वो हिंसक जानवर हैं, जो सड़कों पर शिकार ढूंढते हैं। अब सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस फैसले को पलट दिया है। उत्तराखंड के पौड़ी की रहने वाली ‘अनामिका’ दिल्ली के छावला के कुतुब विहार में रहती थी। 9 फरवरी 2012 की रात नौकरी से लौटते समय राहुल, रवि और विनोद नाम के आरोपियों ने अगवा कर लिया था। 14 फरवरी को ‘अनामिका’ की लाश बहुत बुरी हालत में हरियाणा के रेवाड़ी के एक खेत में मिली थी।

 

गैंगरेप के अलावा ‘अनामिका’ को असहनीय यातनाएं दी गई थीं। उसे कार में मौजूद औजारों से बुरी तरह पीटा गया था। साथ ही शरीर को सिगरेट और गर्म लोहे से दागा दिया गया था। यही नहीं गैंगरेप के बाद ‘अनामिका’ के चेहरे और आंख में तेजाब डाला गया था। 2014 में निचली अदालत ने रवि, राहुल और विनोद को दोषी पाया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई। इसी साल अगस्त में हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा था। आज सुप्रीम कोर्ट ने तीनों आरोपियों को बरी कर दिया है।