जोशीमठ के बाद अब कर्णप्रयाग पर खतरे का साया, प्रशासन ने खाली कराए घर

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Cracks in Karnprayag: जोशीमठ से शुरू हुई प्राकृतिक आपदा अब धीरे-धीरे उत्तराखंड के दूसरे इलाकों में भी नजर आने  लगी है। बड़ी-बड़ी दरारें नजर आने के बाद चमोली जिले के कर्णप्रयाग में प्रशासन ने कई घरों को खाली करा लिया है। जिन लोगों से घर खाली कराए गए हैं, उन्हें रैन बसेरों में भेज दिया गया है। कर्णप्रयाक में जमीन धंसने और भवनों में दरारें दिखने का ताजा मामला ब्रद्रीनाथ हाईवे के पास स्थित ITI क्षेत्र के बहुगुणा नगर और सब्जी मंडी के ऊपरी हिस्से में सामने आया। इसके बाद प्रशासन की टीम ने क्षतिग्रस्त मकानों और दूसरे भवनों का निरीक्षण किया। टीम को 25 घरों में बड़ी-बड़ी दरारें मिलीं। इनमें से 8 घरों को बेहद खतरनाक घोषित किया गया और उनमें रहने वाले लोगों से मकान खाली करा लिए गए। इन परिवारों को कर्णप्रयाग नगर पालिका के रैन बसेरों में भेजा गया है।

बता दें कि कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर के कई लोग पहले ही अपना सामान लेकर सुरक्षित इलाकों की तरफ जा चुके हैं। लोगों को लगने लगा है कि उनके घर कभी भी ये गिर सकते हैं। मकान खाली कर यहां से जा रहे लोगों का कहना है कि अब यहां रहना मुश्किल हो रहा है। इन दरारों से ठंडी हवाएं रात में आती रहती हैं। उपजिलाधिकारी चमोली की ओर से जारी इस नोटिस में कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर के आठ मकानों को खाली करने का नोटिस जारी किया गया था। जिसके बाद लोगों से मकान खाली करा लिए गए है। बहुगुणा नगर में बने लगभग 100 मकानों में से आधे मकानों में दरारें हैं। वर्ष 2013 के आसपास शुरू हुई जमीन धंसने की घटनाओं और दरारों के लिए स्थानीय लोग अनियोजित विकास को जिम्मेदार मान रहे हैं, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण, मंडी परिषद की संरचनाओं के निर्माण के दौरान सावधानी न बरतना, बरसाती पानी की निकासी को व्यवस्थित न करना तथा पिंडर नदी का कटाव शामिल है।