पौड़ी जिले में जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। कभी गुलदार तो कभी भालू के हमलों से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का जीवन बसर करना मुश्किल होता जा रहा है। लगातार हो रही घटनाओं ने लोगों को दहशत के साए में हैं। Pauri Bear Attack जहां कुछ समय पहले तक गुलदार के बढ़ते हमलों से ग्रामीण भयभीत थे, वहीं अब पाबौ, पैठणी, थलीसैंण और बीरोंखाल क्षेत्रों में भालू का आतंक तेजी से फैल रहा है। शुरुआत में भालू मवेशियों पर हमला कर उन्हें अपना शिकार बना रहा था, जिससे ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन अब भालू लोगों पर भी हमला करने लगे हैं, जिससे स्थिति और अधिक चिंताजनक होती जा रही है। लोगों का कहना है कि वे शाम ढलते ही घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। किसानों और पशु पालकों के सामने बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है।
ग्रामीण लगातार वन विभाग और जिला प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जिन इलाकों में भालू का आतंक बढ़ रहा है, उन क्षेत्रों में सुरक्षा व राहत के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि अन्य इलाकों में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। ग्रामीणों की मांग है कि वन विभाग क्षेत्र में निगरानी बढ़ाए, पिंजरे लगाए जाएं और प्रभावित इलाकों में टीमों की तैनाती की जाए, ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लॉक के जिवई गांव में सोमवार सुबह एक दर्दनाक घटना सामने आया। यहां गांव की 40 वर्षीय लक्ष्मी देवी, पत्नी महिपाल सिंह, पर झाड़ियों में छिपे भालू ने अचानक हमला कर दिया। घटना तब हुई जब लक्ष्मी देवी तीन–चार अन्य महिलाओं के साथ रोज की तरह गांव के निकट घास काटने गई थी। महिलाएं घास काटने में व्यस्त थी, तभी झाड़ियों में छिपा भालू तेजी से निकला और लक्ष्मी देवी पर हमला कर दिया। जिसमें महिला की दाईं आंख और सिर पर गंभीर चोटें आईं।