उत्तराखंड कांग्रेस ने धामी सरकार के मंत्रियों को निशाने पर ले रखा है। पहले वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जिस तरह से संघ से जुड़े एक कार्यकर्ता के साथ मुक्का कांड किया अब कृषि मंत्री गणेश जोशी से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद उन पर विपक्ष ने हल्ला बोल कर दिया है। शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे मंत्री पाकर उत्तराखंड शर्मसार हो रहा है। करन माहरा ने कहा कि अभी धामी सरकार में वित्त और शहरी विकास से लेकर संसदीय कार्यमंत्री जैसे अहम विभाग संभाल रहे मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा ऋषिकेश में अपने ही कार्यकर्ता की सरेआम मार पिटाई का प्रकरण ठंडा भी नहीं पड़ा था कि मंत्री गणेश जोशी से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह मूकदर्शक बनकर एक व्यक्ति की आठ से दस लोगों द्वारा पिटाई होते हुए देख रहे हैं।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन महारा ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि मंत्री पद ग्रहण करते समय संविधान की शपथ लेकर जनता की रक्षा की सौगंध जरूर खाते हैं पर अपनी आंखों के सामने जो गरीब जनता पीट रही हो तब ना बीच-बचाव करते हैं ना ही पुलिस प्रशासन को इत्तला करते हैं। माहरा ने कहा कि आज उत्तराखंड में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ रही हैं और कानून व्यवस्था को तार-तार करने वाले कोई और नहीं बल्कि भाजपा के तथाकथित जनप्रतिनिधि या जनता के सेवक ही हैं। माहरा ने कहा की मंत्री गणेश जोशी की सच्चाई से पूरा प्रदेश वाकिफ है, किस तरह से उन्होंने अंसल ग्रीन वैली में अपने पार्षदों से एक व्यापारी के घर में हमला करवाया, उस दिन सत्ता का नंगा नाच और दुरुपयोग खुल्लेआम देखने को मिला। व्यापारी के ऊपर पेट्रोल भी छिड़का गया, उसकी पत्नी और बच्चे को शारीरिक रूप से चोट भी पहुंचाई गई। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था का यह हाल है कि जिस व्यापारी के घर में हमला हुआ उसी पर धारा 307 लगा दी गई।
करन माहरा ने कहा कि मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की शर्मनाक वीडियो के बचाव में भी भाजपा यही कहती नजर आई कि प्रेमचंद अग्रवाल के ऊपर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उनके कार्यकर्ता ने हमला कर दिया था और आज फिर भाजपा के द्वारा कुतर्को से गणेश जोशी को बचाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पहले ही कह चुकी थी कि भाजपा का जनसंपर्क अभियान नहीं यह प्रायश्चित अभियान होना चाहिए क्योंकि जब जनता को जरूरत थी, तब ये सत्ताधारी सभी नेता नदारद रहे। माहरा ने कहा कि युवा सड़कों पर लाठी खाते रहे और जोशीमठ के प्रभावित इनका इंतजार करते-करते थक गए।
करन महारा ने मंत्री जोशी की नैतिकता पर सवाल उठाते हुए कहा की पूरे घटनाक्रम पर मंत्री मूकदर्शक बने रहे। उन्होंने कहा कि अच्छा होता यदि सरकार में काबिज गणेश जोशी पुलिस प्रशासन को सूचित करते। करन माहरा ने पूछा कि एक कैबिनेट मंत्री के पास सुरक्षाकर्मियों की एक लंबी चौड़ी फौज होती है, वह सुरक्षाकर्मी क्या कर रहे थे? स्वयं मंत्री भी वीडियो में किसी को रोकते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में कौन सही था और कौन गलत, यह बाद की बात थी परंतु इस तरह से कानून अपने हाथ में लेना किसी के लिए भी न्यायोचित नहीं है। माहरा ने पूरे घटनाक्रम की निंदा करते हुए कहा कि यह समस्त उत्तराखंडवासियों के लिए शर्मनाक बात है कि एक मंत्री की उपस्थिति में कोई इतनी बुरी तरह से पिट जाए और फिर पुलिस पीटने वालों को ना ले जाकर पीड़ित को ही पकड़ कर ले जाए।