सीएम धामी के आश्वासन के बाद वेतनमान डाउन ग्रेड विवाद पर लगा विराम, दिलाया भरोसा…

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देहरादून: सचिवालय सेवा के वेतनमान डाउन ग्रेड किए जाने संबंधी कैबिनेट निर्णय पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दूरभाष के माध्यम से सचिवालय संघ के तथ्यों की जानकारी ली है। सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने दूरभाष पर हुई वार्ता में मुख्यमंत्री द्वारा संघ को आश्वस्त किया गया है कि उनकी समस्या व बातों को शीघ्र ही अपने स्तर पर सुना जाएगा। सीएम ने यह भी आश्वासन दिया है कि सचिवालय सेवा के वेतनमान डाउनग्रेड किए जाने के निर्णय पर उनके स्तर पर दो-चार दिन के भीतर संघ की कार्यकारिणी को बुलाकर समस्या का समाधान कराया जाएगा।

बैठक में संघ की ओर से अध्यक्ष दीपक जोशी की ओर से सचिवालय सेवा के कार्मिकों का आक्रोश व्यक्त करते हुये महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये गये तथा आरोप लगाया गया है कि सचिवालय सेवा संवर्ग के वेतनमानों की समानता केद्र सरकार से की जा रही है जबकि केंद्र सरकार से वेतनमान की कोई समानता नहीं है। पुनर्गठन अधिनियम की धारा 74 एवं 86 में प्राप्त लाभों के संरक्षण के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सचिवालय में उच्चीकृत किये गये समीक्षा अधिकारी एवं अनुभाग अधिकारी तथा अन्य समकक्षीय पदों के वेतनमान के अनुरूप राज्य में मुख्य सचिव (पदेन) की अध्यक्षता में समय-समय पर सम्पन्न बैठक की संस्तुति पर वर्तमान धारित वेतनमान अनुमन्य किये गये है जिन्हें बिना औचित्य व कारण इंगित किये मात्र केन्द्रीय सचिवालय की समकक्षता दिखाकर डाउनग्रेड किये जाने का निर्णय आला अधिकारियों द्वारा सरकार को गुमराह कर लिये जाने का तथ्य संघ के अध्यक्ष एवं उपस्थित अधिकारियों द्वारा प्रकट किया गया।

सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि उन्हें तथा सचिवालय संघ की कार्यकारिणी को आला अधिकारियों पर कदापि विश्वास नहीं है परंतु राज्य के मुख्यमंत्री के व्यक्तित्व एवं सचिवालय के प्रत्येक कार्मिक को अपने परिवार का हिस्सा समझने वाले सहृदय मुखिया पर पूर्ण आस्था एवं विश्वास है। जोशी ने कहा कि सचिवालय संघ द्वारा सचिवालय के वेतनमान डाउनग्रेड का फैसला अब मुख्यमंत्री के निर्देशों पर केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि सचिवालय संघ को आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि मुख्यमंत्री इस मामले में कार्मिक हित में पुनर्विचार करते हुए फिलहाल इस विवादित निर्णय को स्थगित रखेंगे तथा इस संबंध में पूर्व किसी कमेटी के माध्यम से इसे पुनर्विचार कर निर्णय करेंगे।