चर्चा में देहरादून का थप्पड़ कांड! | Uttarakhand News | CM Dhami | Dehradun News

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जी हां दोस्तो प्रदर्शन करने जब पुलिया थप्पड़ पड़ेगा, तो उबाल आना लाजमी भी है। उत्तराखंड का एक थप्पड़ कांड अभी खूब चर्चा में हैं, इससे सड़कों पर उबाल है। यहां तक कि नाराजगी इतनी इस पुलिसिया कर्रवाई पर कि पुलिस मुख्यालय तक को घोरने की कोशिश हुई। पूरी खबर बताउंगा आपको के एक थप्पड़ ने देहरादून कि सड़क पर महिलाओं को उतार दिया। दोस्तो महिला नर्सिंग कर्मी पर महिला पुलिसकर्मी के थप्पड़ जड़ने के विरोध में देहरादून की सड़क पर खूब हल्ला बोल देखने को मिला…कांग्रेस की कार्यकर्ताओं और नर्सिंग एकता मंच ने पुलिस मुख्यालय घेराव तक का फैसला ले लिया। प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। दरअसल, दोस्तो सोमवार 8 दिसंबर को बेरोजगार नर्सिंग कर्मी, नर्सिंग भर्ती प्रक्रिया को पूर्व की तरह वर्षवार किए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच कर रहे थे। न्यू कैंट रोड स्थित साला वाला के निकट बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान एक महिला कॉन्स्टेबल ने एक महिला नर्सिंग कर्मी को थप्पड़ जद दिया। इसके खिलाफ आज महिला कांग्रेस और नर्सिंग एकता मंच ने पुलिस मुख्यालय का घेराव का निर्णय लिया।

वहीं दोस्तो वहीं घेराव करने जा रहे प्रदर्शनकारियों को भारी पुलिस बल ने सुभाष रोड पर मुख्यालय से पहले बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। आगे बढ़ने पर पुलिस के साथ प्रदर्शनकरियों की धक्का मुक्की हुई। दोस्तो यहां ज्योति रौतेला ने कहा कि बीजेपी सरकार ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा देती है। दूसरी तरफ कल प्रदर्शनकारी महिला नर्सिंग अभ्यर्थी को महिला पुलिसकर्मी ने थप्पड़ मार दिया। भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। दोस्तो, वहीं दूसरी ओर नर्सिंग अभियर्थियों कहा कि वो पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। दोस्तो आन्दोनल करना प्रदर्शन कर अपनी मांग उठाने कि इजाजत देश का लोकतंत्र देता है। ऐसे में पुलिस कर्मी द्वार अभिर्थि को थप्पड़ मारने पर पुलिस खूब किरकिरी भी हो रही है और पुलिस इस कानून का हिस्सा जांच की बात की जा रही है। दोस्तो यहां मै ये बता दूं कि नर्सिंग अभियर्थियों का कहना है कि राज्य में नर्सिंग के 2500 से अधिक खाली पदों पर वर्षवार मेरिट के आधार पर पारदर्शी नियुक्ति होनी चाहिए। इसी की मांग को लेकर अब प्रदेश की राजधानी में खूब हंगामा देखने को मिल रहा है, क्या सरकार इनकी मांगो को मानेगी या इसमें कुछ और तस्वीर निकलती है उस पर भी मेरी नजर बनी रहेगी।