उत्तराखंड में AI वीडियो विवाद…| Uttarakhand News | Harish Rawat Viral AI Video | Congress

Spread the love

जी हां दोस्तो एक तरफ डेमोग्राफिक चेंज पर खिंचती सियासी तलवारें तो दूसरी तरफ अतिक्रमण पर होती ताबड़तोड़ कार्रवाई, अब इस बड़े डेमोग्राफिक चेंज को लेकर हुआ सियासी बड़ा वार, बड़े नेता को AI वीडियो ने ठहरा दिया जिम्मेदार जिस पर शुरू हो चुका है बड़ा विवाद। Harish Rawat Reaction To AI Video क्या है पूरा मामला मेरी इस रिपोर्ट के जरिए देखिएगा। दोस्तो उत्तराखंड की राजनीति में फिर एक नया विवाद छिड़ा चुका है और इस बार का रणक्षेत्र है। सोशल मीडिया और AI तकनीक, जी हां दोस्तो कमाल की है बल ये एआई तकनीक ये तकनीकि पिथोड़ागढ के ग्रामीण क्षेत्रों में भालू-गुलदार से लोगों को बचाएगी बल और देहारादून में सियासी बवाल कराएगी बल। दोस्तो बीजेपी द्वारा जारी एक AI वीडियो ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है। वीडियो में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की तस्वीर दिखाई जा रही है और बैकग्राउंड में ऐसे ऑडियो सुनाई दे रहे हैं, जो समाज में विवाद पैदा करने की कोशिश लगते हैं।।बीजेपी इसे कांग्रेस की तुष्टिकरण राजनीति का उदाहरण बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे समाज को बांटने की साजिश करार दे रही है। क्योंकि आगे सवाल तमाम हैं, क्या यह सिर्फ सियासी हथकंडा है या सोशल मीडिया और AI की ताकत से राजनीति का नया चेहरा सामने आ रहा है? दरअसल दोस्तो बीजेपी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से एक AI तकनीक से तैयार वीडियो साझा किया है।

वीडियो में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति से जोड़कर दिखाया गया है साथ ही बीजेपी का दावा है कि इस वीडियो के जरिए कांग्रेस की कथित वोट बैंक राजनीति को जनता के सामने लाया गया है। उधर दोस्तो वीडियो में बात हरीश रावतकी हुई है, AI वीडियो को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजेपी पर तीखा पलटवार किया है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि इस तरह के वीडियो देश की सामाजिक एकता और सद्भावना को तोड़ने की कोशिश करते हैं। उन्होंने दावा किया कि वे देश के पहले व्यक्तियों में शामिल हैं जिन्होंने बंगाल में बाबरी मस्जिद निर्माण के नाम पर विरोध दर्ज कराया था। हरीश रावत ने आरोप लगाया कि बीजेपी समाज को बांटने के लिए लगातार नए-नए संगठन और मोर्चे खड़े कर रही है। उनका कहना है कि भाजपा का चुनावी एजेंडा सिर्फ हिंदू-मुस्लिम राजनीति तक सीमित है, ताकि बेरोजगारी, महंगाई, कानून-व्यवस्था, महिलाओं पर अत्याचार, कुपोषण और पलायन जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाया जा सके। दोस्तो कुल मिलाकर, AI तकनीक से तैयार यह वीडियो अब उत्तराखंड की राजनीति में नया विवाद बन चुका है। जहां भाजपा इसे कांग्रेस की राजनीति का आईना बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे समाज को विभाजित करने की कोशिश करार दे रही है। ऐसे में सवाल यही है कि आने वाले चुनावी माहौल में सोशल मीडिया और AI का इस्तेमाल सियासत को किस दिशा में ले जाएगा।