देहरादून: उत्तराखंड के समस्त मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज ई-ग्रन्थालय से जुड़ेंगे, इसके लिये विभगीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। मेडिकल शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत शतप्रतिशत छात्र-छात्राओं का ई-ग्रन्थालय में पंजीकरण किया जाएगा ताकि मेडिकल छात्र देशभर के मेडिकल शिक्षण संस्थानों में उपलब्ध पुस्तकों, शोध पत्रों एवं पत्रिकाओं का अध्ययन कर सकेंगे। एनईपी-2020 के प्रावधानों के तहत उत्तराखंड के सभी शिक्षण संस्थानों में ई-ग्रन्थालय को अनिवार्य कर दिया गया है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने यमुना कालोनी स्थित शासकीय आवास में चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। डॉ. रावत ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग की तर्ज पर शीघ्र ही प्रदेशभर के निजी एवं राजकीय मेडिकल कालेजों तथा नर्सिंग कॉलेजों को भी ई-ग्रन्थालय से जोड़ा जाएगा, जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गए हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल शिक्षण संस्थानों के ई-ग्रन्थालय से जुड़ने से मेडिकल एवं नर्सिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को इसके माध्यम से कैटलागिंग की आधुनिक डिजिटल सुविधा के साथ-साथ विभिन्न मेडिकल कालेजों, नर्सिंग कालेजों में उपलब्ध बेहतर पुस्तकें, शोध पत्रों एवं पत्रिकाओं सहित पठान-पाठन के अन्य संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे।
उन्होंने कहा नई शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रत्येक शिक्षण संस्थानों में डिजिटल लाइब्रेरी अनिवार्य है। इसलिए उत्तराखंड के सभी शिक्षण संस्थानों में NIC के सहयोग से ई-ग्रंथालय की कवायद भी शुरू की जा चुकी है। ई-ग्रंथालय के माध्यम से देशभर के मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी से भी जुड़ पाएंगे। इसको लेकर NIC अलग से एक वेब पोर्टल तैयार करने जा रही है, जिसमें मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद इसमें मेडिकल स्टूडेंट्स का भी पंजीकरण होगा। डॉ धन सिंह रावत ने यह भी बताया इससे पहले उत्तराखंड में उच्च शिक्षा विभाग ने अपने सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में ई-ग्रंथालय की शुरुआत कर दी है।