उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। इस बार मामला कथित “वीआईपी” एंगल को लेकर गरमा गया है, जिसके बाद प्रदेश की सियासत में आरोप–प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। Ankita Bhandari murder case कांग्रेस का आरोप है कि अंकिता हत्याकांड में शुरू से ही बड़े लोगों को बचाने की कोशिश की गई और अब फिर से ‘वीआईपी’ नाम सामने आने से सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। सीबीआई जांच और वीआईपी का नाम उजागर करने की मांग को लेकर प्रदेशभर में कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। सभी जगह पर प्रदर्शन किया और पुतला फूंककर विरोध जताया। कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश नेगी ने कहा कि जिस प्रकार से वीडियो में वीआईपी की बात कही जा रही है। सरकार को पूरे मामले की सीबीआई जांच कर जल्द आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए।
वहीं, रुद्रप्रयाग में मुख्य बाजार में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया और पुतला दहन किया। महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं का कहना है कि अंकिता को अब तक न्याय नहीं मिला है और सरकार लगातार सच्चाई को दबाने का काम कर रही है। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुजाता पाल ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘वीआईपी’ को बचाने के लिए जांच को प्रभावित किया गया और अब नए खुलासों से सरकार की मुश्किलें बढ़ रही हैं। ज्योति ने कहा कि पुलिस को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए था कि अंकिता भंडारी द्वारा अपने व्हाट्सअप चैट में गेस्ट हाउस में आने वाले वीआईपी को अतिरिक्त सुविधायें देने की बात कही गई थी या वीआईपी कमरे की बात की गई थी। पुलिस को ये भी बताना चाहिए कि भाजपा के पूर्व विधायक की पत्नी की ओर से बताए गए नाम के पीछे का चेहरा कौन है।