उत्तराखंड का एक और लाल मां भारती की सेवा में वीरगति को प्राप्त हो गया है। Gunanand Choubey Martyred मणिपुर में उग्रवादियों ने सोमवार को अचानक से हमला किया। इस हमले में चंपावत का लाल गुणानंद चौबे पुत्र हरिदत्त चौबे शहीद हो गया। गुणानंद चौबे मूल रूप से लोहाघाट के सुई गांव के रहने वाले थे। गुणानंद चौबे सुंई खैसकांडे निवासी 22 बटालियन असम राइफल में तैनात थे। चौबे की शहादत की सूचना मिलने पर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। जानकारी के मुताबिक गुणानंद चौबे असम राइफल में वारंट ऑफिसर के पद पर थे। इन दिनों उनकी ड्यूटी मणिपुर में थी। गुणानंद चौबे मूल रूप से चंपावत जिले के सुई गांव के रहने वाले है। हालांकि वर्तमान में उनका परिवार दिल्ली में रहता है। शहीद गुणानंद चौबे के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटी और एक बेटा है।
सुंई खैसकांडे गांव के ग्राम प्रधान भुवन चौबे ने बताया सेना से सूचना मिली है कि असम राइफल में वारंट ऑफिसर पद पर तैनात गुणानंद चौबे पुत्र स्व. हरिदत्त चौबे सोमवार सुबह मणिपुर में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए। चौबे ने बताया कि शहीद का परिवार वर्तमान में दिल्ली के द्वारिका में रहता है। शहीद अपने पीछे पत्नी, दो बेटी, एक बेटे को रोता बिलखता छोड़ गए हैं। शहीद क बेटा इंजीनियर है और दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है। शहीद चार भाइयों में सबसे छोटा था। शहीद के भाई गोविंद चौबे में बताया कि गुणानंद होली के बाद अपने पैतृक गांव आए थे। शारदीय नवरात्रि में पूजा अर्चना के लिए घर आने की बात कर रहे थे, लेकिन नियति को तो कुछ और ही मंजूर था। उन्होंने ने बताया आज शहीद का पार्थिव शरीर दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है।