Atul of Uttarakhand did Kamal| Uttarakhand News | Atul Kumar IIT Madras | From Pony Rider to IITian

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मेहनत के बल पर न सिर्फ अपने सपने पूरे किए जा सकते है, बल्कि भाग्य भी बदला जा सकता है, ऐसे ही उत्तराखंड के रहने वाले अतुल ने यह सब साबित कर दिया है। अतुल कुमार की राह बेहद कठिन थी, लेकिन कभी अतुल विचलित नहीं हुए, परेशान नहीं हुए, और कर दिया कमाल। Atul Selected In IIT Madras खच्चर से सामान ढोने वाले की अजब गजब साहस की। ये कहानी दरसल मेहनत की, सुगब सुविधा नहीं होने के बाद भी संघर्ष की जीत की कहानी हैं। वैसे दगड़ियों उत्तराखंड के लाल का कमाल कई क्षेत्रों में देखने को मिलता है। आज हम खच्चर वाले की कहानी नहीं, अतुल कुमार की कहानी सुनाउंगा। कैसे अतुल कुमार दिन भर केदारनाथ में खच्चर हांक, ताताकि वो अपनी पढ़ाई के लिए पैसे जुटा सकें। इसके बाद रात भर अपनी पढ़ाई ध्यान देता, ये शाहद कई लोगों का आसान लग रहा होगा। कई लोग ये भी कहेंगि शहर में ऐसा कई बार हुआ है। लेकिन यहां समझने वाली बात ये है कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र की है। यहां जिंदगी खुद किसी पहाड़ से कम नहीं है। फिर अतुल कुमार के हौंसले की जीत हो गई, कठोर मेहनत के बाद अतुल ने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया। मेहनत कौन नहीं करता, और हम उत्तराखंडियों की तो बात ही कुछ और है, लेकिन उस मेहनत का मुकाम तक पहुंचना। बड़ी बात है। आगे अतुल के संघर्ष को बताउंगा आपको कैसे पढ़ाई, काम, फिर पढ़ाई, और आगे ये अतुल कुमार की जिंदगी कितना बदलने वाली है।

उत्तराखंड के बीरो देवल गांव के अतुल की अब तक की पढ़ाई का सफर चुनौतियों भरा रहा। उनकी स्कूलिंग उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में हुई, उन्होंने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई बासुकेदार के राजकीय इंटर कॉलेज से की। 10वीं कक्षा में उनके 94.8 फीसदी अंक मिले थे, राज्य में उन्होंने 17वां स्थान हासिल किया था, जबकि 12वीं में 92.8 फीसदी अक हासिल करके राज्य में 21वां स्थान हासिल किया था। दरसल दगड़िओ ये कहानी एक ऐसे जज़्बे की, जिसने मुश्किल हालातों को भी पीछे छोड़ दिया। ये कहानी है एक साधारण परिवार से आने वाले असाधारण लड़के की। आर्थिक तंगी के चलते अतुल केदारनाथ धाम में खच्चर से सामान ढोकर परिवार का खर्च चलाता था। लेकिन तमाम चुनौतियों और संघर्षों के बीच भी उसका ध्यान कभी पढ़ाई से नहीं भटका। अपने कठिन परिश्रम और मजबूत हौसले के दम पर अतुल ने IIT JAM 2025 परीक्षा पास की है। दगड़ियो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के बीरों देवल गांव के रहने वाले अतुल ने IIT JAM 2025 परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 649 हासिल की है। अब उसका दाख़िला जाने माने संस्थान IIT मद्रास में होने जा रहा है। यह उपलब्धि इसलिए भी खास है, क्योंकि IIT मद्रास को NIRF रैंकिंग 2024 में देश का नंबर एक संस्थान घोषित किया गया है। अतुल IIT मद्रास में MSc गणित में दाखिला लेगा। दगड़ियो ऐसा नहीं है कि अतुल कुमार ने रातों रात ऐसा किया हो।

दअसल अतुल कुमार बचपन से ही मेधावी हैं। अतुल के शिक्षा का सफर कई चुनौतियों से भरा रहा है। उसने अपनी शुरुआती पढ़ाई उत्तराखंड के एक सरकारी स्कूल से की। वर्तमान में वह हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से BSc अंतिम वर्ष के छात्र है। दोस्तो मैं आपको बता दूं कि अतुल का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और उसके माता-पिता आज भी केदारनाथ धाम में घोड़े-खच्चर चलाने का काम करते हैं। अतुल भी अपनी पढ़ाई के खर्च के लिए केदारनाथ में यही काम करता रहा है। इस कठिन परिस्थिति के बावजूद, उसने कभी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया। अतुल कुमार की इस सफलता से पूरे गांव में खुशी का माहौल है। उसके माता-पिता की भावुकता को भी समजा जा सकता है। अतुल बचपन से ही पढ़ाई में बहुत मेहनती रहे हैं। उम्मीद है कि जुलाई के अंत तक अतुल IIT मद्रास में अपना नया शैक्षणिक सफर शुरू करेगें। दगड़ियो अतुल की यह सफलता उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो अभावों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। अतुल कुमार जैसे छात्र यह साबित करते हैं कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। आज अतुल की सफलता से उसका गांव, उसके माता-पिता और पूरा उत्तराखंड गर्व महसूस कर रहा है। जहां कभी अतुल के हाथ में खच्चर की रस्सी हुआ करती थी, आज उन हाथों में भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान का एडमिशन लेटर है। यह उपलब्धि सिर्फ एक छात्र की नहीं, बल्कि हर उस युवा की है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखने की हिम्मत रखता है। अतुल की यह कहानी हमें सिखाती है। अगर मन में सच्चा इरादा हो, मेहनत का भरोसा हो, और हौसला ना टूटे। तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।