देहरादून: राज्य में वर्तमान शिशु मृत्यु दर प्रति 1000 जन्म पर 27 है। प्रदेश में शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिये स्वास्थय विभाग की ओर से जागरुकता अभियान चलाया जायेगा, जिसके तहत गर्भवती महिलाओं को आशाओं के माध्यम से सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने के लिये प्रेरित किया जायेगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए नर्सिंग स्टाफ व आशाओं को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं प्रदेश को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त करने के लिए 16 अगस्त से 15 दिनों तक जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में कार्य योजना तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि यह अभियान युद्ध स्तर पर चलाया जाए, जिससे की उत्तराखंड के शिशु मृत्युदर में कमी आ सके। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं व पौष्टिक आहार के बारे में भी जागरूक किया जाएगा। संस्थागत प्रसव को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए नर्सिंग स्टाफ को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे प्रदेश में वर्तमान शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम किया जा सके।
इसके साथ ही जिला चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में 343 पिक्कू वार्ड एवं 119 निक्कू वार्ड की स्थापना की जा रही है, जहां पर नवजात शिशुओं को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न होने पर तत्काल बेहत्तर उपचार दिया जा सके। मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने राज्य को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त करने के लिये विशेष जागरुकता कार्यक्रम चलाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये हैं, जिसके तहत आगामी 16 अगस्त से एक पखवाड़े तक प्रदेशभर में टीबी के प्रति जन जागरुकता अभियान चलाने के साथ ही टीबी रोगियों की पहचान भी की जायेगी। बैठक में प्रदेशभर में स्वीकृत 115 अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की स्थापना संबंधी कार्य प्रगति की समीक्षा की। जिस पर अधिकारियों ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के तहत प्रदेशभर में 115 अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तथा 23 पॉली क्लीनिक स्वीकृत किये हैं, जिनकी स्थापना के लिये 81 करोड़ 57 लाख की धनराशि स्वीकृत कर टेंडर की प्रक्रिया गतिमान है।