प्रदेश में जल्द ही 300 से अधिक पुलों की भार वहन क्षमता बढ़ाने की तैयारी है। इन पुलों को बी श्रेणी से ए श्रेणी में लाया जाएगा। इसके तहत इनकी चौड़ाई बढ़ाते हुए इन्हें और अधिक मजबूत किया जाएगा। Uttarakhand Bridge Capacity Study अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे राज्य के लिए ये फैसला सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। क्योंकि, पुलों की क्षमता बढ़ने से ना केवल इंडस्ट्री से जुड़े कार्यों बल्कि, सेना के मूवमेंट को भी इससे काफी मदद मिलेगी। कैबिनेट में आए प्रस्ताव के मुताबिक पुलों की वहन क्षमता बढ़ाने के लिए परियोजना प्रबंध इकाई का गठन किया जाएगा। इसमें 49 अधिकारी, कर्मचारी शामिल होंगे। जो पुलों के अध्ययन के बाद इसकी वहन क्षमता बढ़ाने की सिफारिश करेंगे। प्रदेश में कई पुलों की वहन क्षमता कम है।
प्रदेश के ग्रामीण, पर्वतीय व सीमांत क्षेत्रों में सुरक्षित आवागमन के लिए तकरीबन 2000 पुल हैं। इनमें से कई पुल काफी पुराने हैं। इनमें भारी वाहनों का संचालन सुरक्षित नहीं कहा सकता। इस समय प्रदेश में पनबिजली परियोजनाएं, सड़क एवं रेलवे नेटवर्क, रोपवे व टनल की बड़ी एवं महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इनके निर्माण के लिए भारी मशीनरी व उपकरण का उपयोग होता है। इन पुलों को अपग्रेड किए जाने को लेकर राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट गठित करने का निर्णय लिया था. ऐसे में 9 जुलाई को हुई धामी मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लोक निर्माण विभाग की ओर से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट गठित करने का प्रस्ताव रखा गया, जिस पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है। मंत्रिमंडल ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट गठित करने की मंजूरी देने के साथ ही इस यूनिट के लिए 49 पदों की स्वीकृति भी दे दी है।