बैकडोर भर्ती मामला: माहरा ने सीएम धामी और मंत्री अग्रवाल पर साधा निशाना, दोनों बराबर के दोषी हो कार्रवाई

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Backdoor Recruitment Scam in Uttarakhand: उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्तियों के भ्रष्टाचार पर हथौड़ा चलाकर स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण ने तैतये के उस छत्ते में हाथ डाल दिया है जहां से आधा अधूरा न्याय कर वे खुद तो विरोधियों के निशाने पर हैं ही, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर उनके करीबी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, हरीश रावत के करीबी और कुमाऊं के तथाकथित गांधी गोविंद सिंह कुंजवाल से लेकर जिस जिस नेता ने बीते 22 सालों में अपनों को “अर्जी पर मर्जी” की नौकरियां बांटी वे सब के सब अब सवालों के घेरे में आ चुके हैं।

करन माहरा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जो सीधे सीधे सवाल उठाए हैं उनका जवाब सत्ताधारी दल की तरफ से शायद ही कोई देना चाहे! कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सीधा सवाल किया है कि आखिर स्पीकर रहते प्रेमचंद अग्रवाल जिस फाइल को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लौटा देते हैं और वित्त विभाग आदि से आपत्ति होती है, उसे कैसे धामी सरकार में पास करा लेते हैं और इस सरकार में जब खुद वित्त मंत्री बन जाते हैं तो स्पीकर के नाते की गए अपने गलत कृत्य पर खुद मुहर लगा देते हैं?

करन माहरा ने इसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक्सपोज करते हुए सवाल दागा है कि आखिर मुख्यमंत्री धामी के समक्ष ऐसा क्या संकट और अर्जेंसी थी कि इस मामले को कैबिनेट में लेकर जाने की बजाय विचलन के रास्ते मंजूरी दे देते हैं? करन माहरा स्पीकर के 2016-2021 के मध्य हुए भर्ती भ्रष्टाचार पर एक्शन को अधूरा न्याय करार देते ऋतु खंडूरी भूषण से भी सवाल करते हैं कि जब कोटिया कमेटी राज्य बनने से लेकर 2021 तक हुई सभी भर्तियों को अवैध बता चुकी तो एक्शन अधूरा क्यों? सवाल ये भी उठाते हैं कि नौकरी पाने वाले दोषी तो अवैध नौकरियां बांटने वाले दोषी क्यों नहीं?