प्रदेश में जारी चारधाम यात्रा मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े और खच्चरों पर भी ख़राब मौसम का असर देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड चारधाम यात्रा में यमुनोत्री, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब की पैदल यात्रा में घोड़े-खच्चरों की अहम भूमिका होती है। Horses and mules in Chardham Yatra कई श्रद्धालु यमुनोत्री, केदारनाथ या हेमकुंड साहिब घोड़े-खच्चरों के सहारे ही जाते हैं। इसके अलावा इन धामों में रोजमर्रा का सामान भी घोड़े-खच्चरों से ही भेजा जाता है। जिसको लेकर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि घोड़े खच्चरों की भूमिका अहम होती है क्योंकि जब से हेली सेवा बंद हुई है तो घोड़े खच्चरों पर अधिक बोझ पड़ रहा है। साथ ही मानसून को देखते हुए जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी घोड़े खच्चर के साथ कोई भी बर्बरता ना की जाए और किसी को भी कोई दिक्कत ना हो।कई बार देखा जाता है कि जब चार धाम यात्रा चलती है तो घोड़े खच्चर वाले ज्यादा पैसे के लालच में कई कई चक्कर घोड़े खच्चर से लगवाते हैं उसकी निगरानी रखने के भी निर्देश अधिकारीयो को दिए गए हैं।