Bageshwar की Kamala Devi के ‘जागर’ का जलवा अब दुनिया देखेगी | Uttarakhand News

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बागेश्वर की इस लोकगायिका के सुरों का जलवा अब दुनिया देखेगी… पहाड़ के सुर में कितना है जादू… जो भी सुनेगा एक अलग ही दुनिया में खो जाने के लिए हो जाएगा मजबूर
मेहनत की… प्रतिभा उनमे कूट कूट कर है भरी… नाम होना था उनका लेकिन अबतक रही थी गुमनाम
कमला देवी के कंठ में साक्षात है सरस्वती का वास… सब्र के पल का अब बड़ा इनाम देवभूमि की लोकगायिका कमला देवी को मिलेगा इनाम

मेहनत का कभी ना कभी तो खिलकर सामने तो जरूर आती है… कभी कभी ना अपना श्रौर्य तो जरूर दिखाती है… कभी ना कभी जो हक आपका होता वो मिलता तो जरूर है… देर होती है, वक्त लगता है…लेकिन अगर सब्र हो तो सब्र के कद्रदान भी होते हैं… उत्तराखंड की एक लोकगायिका को ऐसा ही इनाम उनके सब्र का मिला है… उनमे प्रतिभा तो कूट कूट कर भरी है… लेकिन जिसकी वो हकदार रही… वो अब तक नहीं मिला… उन्होंने अपनी गायिका का लोहा तो दशकों तक दिखाया… लेकिन बिरले ही होंगे जो उनका नाम जानते हैं…कोक स्टूडियो ने देश के कई गायकों को पहचान दी है… अब देवभूमि उत्तराखंड के ग्रामीण परिवेश में रहने वाली एक ऐसी लोकगायिका जिसका लंबा करियर तो है लेकिन जानते बेहद कम ही लोग हैं, ऐसी गायिका का कोक स्टूडियो में मौका मिलने वाला है… जो पहाड़ के लिए गर्व की बात है.
जीहां बागेश्वर की रहने वाली लोकगायिका कमला देवी की जिंदगी में खुशी के पल आए हैं… उत्तराखंड की लोकगायिका कमला देवी जल्द ही कोक स्टूडियो भारत के दूसरे सीजन में नजर आएंगी… कोक स्टूडियो के ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट से इसकी जानकारी साझा की गई है… एपिसोड रिलीज की तारीख अभी तय नहीं की गई है…. उत्तराखंड की एक अंडररेटेड लोक गायिका को कोक स्टूडियो में मौका मिलने से देवभूमि उत्तराखंड के लोग गदगद हैं…. दरअसल कोक स्टूडियो भारतीय लोक संगीत से लेकर वर्तमान पॉप संगीत से लेकर हिपहॉप और वेस्टर्न संगीत का फ्यूजन तैयार करता है… ये भारत के सबसे लोकप्रिय म्यूजिक प्रोग्राम में से एक है…
उत्तराखंड के बागेश्वर जिले की गरुड़ तहसील स्थित लखनी गांव की रहने वालीं कमला देवी के कंठ में साक्षात सरस्वती निवास करती हैं… वह उत्तराखंड की जागर गायिका हैं… कमला देवी बताती हैं कि उनका बचपन गाय-भैंसों के साथ जंगल और खेत-खलिहानों के बीच बीता. इस बीच 15 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई… ससुराल आईं तो यहां भी घर, खेतीबाड़ी में ही लगी रहीं. वह कहती हैं कि उन्हें न्यौली, छपेली, राजुला, मालूशाही, हुड़कीबोल आदि गीतों को गाने का शौक था… जंगल जाते वक्त वह गुनगुनाती और अपनी सहेलियों को भी सुनाती थीं…
कमला देवी ने नैनीताल के भवाली में एक छोटा सा ढाबा खोला था. यहां एक दिन प्रसिद्ध जागर गायक शिरोमणि पंत आए… उस समय वो काम करते हुए गीत गुनगुना रही थीं… गीत सुनकर पंत उनके पास पहुंचे और पूछने लगे कि क्या वह किसी गीत मंडली, ड्रामा वगैरह में काम करती हैं… उन्होंने तपाक से जवाब देते हुए कहा कि उन्हें गीत गाने का शौक तो है, लेकिन कभी गाने का मौका नहीं मिला… वो मुलाकात ही थी, जिसके बाद उन्हें गीत-संगीत जगत में मौका मिला… इसके बाद कमला देवी ने आकाशवाणी अल्मोड़ा में भी प्रस्तुति दी….कमला देवी को देहरादून भी पहली बार शिरोमणि पंत ने ही दिखाया था… अपने 40 साल के करियर का श्रेय वो शिरोमणि पंत को ही देती हैं…
कपकोट, देवीधुरा, कोटाबाग, रामनगर, गरुड़ समेत कुमाऊं के कई क्षेत्रों में कमला देवी परफॉर्म कर चुकी हैं… उन्हें एक बार लखनऊ में भी गाने का मौका मिला था….‘भारत की खोज’ कार्यक्रम के लिए कमला देवी का चयन हुआ था… ये उनके लिए गर्व की बात थी कि उत्तराखंड से इतने बड़े-बड़े कलाकारों के होते हुए भी उन्हें ये मौका मिला था…. कमला देवी दूरदर्शन पर भी उत्तराखंड के लोकगीतों और लोक जागरों की प्रस्तुति दे चुकी हैं. बता दें कि कोक स्टूडियो सीजन 2 में दिलजीत दोसांझ, श्रेया घोषाल, नेहा कक्कड़, एमसी स्क्वैर समेत कई गायक नजर आएंगे