Joshimath Land Sinking: जोशीमठ पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है और यह जगह आजकल लगातार जमीन धंसने की वजह से खबरों में है। यह पवित्र स्थल बर्फ से ढकी हिमालय की पर्वतमालाओं से घिरा हुआ है और यहां हिंदुओं के कई प्रमुख तीर्थ स्थल हैं। जोशीमठ का जिक्र धार्मिक पुराणों में भी मिलता है। महर्षि बाल्मिकी ने ‘रामायण’ में लिखा है कि ‘जब लक्ष्मणजी मेघनाद के शक्तिबाण के कारण मूर्छित हो गए थे और बजरंग बली ने संजीवनी बूटी लाने के लिए उड़ान भरी थी तो वो उत्तराखंड के जोशीमठ से ही गुजरे थे।’ यहीं पर उन्हें रोकने के लिए असुर रावण ने ‘कालनेमी राक्षस’ को भेजा था और बजरंग बली ने जोशीमठ की ही धरती पर उसका वध किया था।
केवल ‘रामायण’ में ही नहीं बल्कि ‘महाभारत’ में भी वेद व्यास ने जोशीमठ का जिक्र किया है। उनके मुताबिक पांडवों को जोशीमठ में ही बजरंगबली ने दर्शन दिए थे। यहीं पर उनका वृ्द्ध रूप दिखा था और कहा तो यह भी जाता है कि जोशीमठ से ही पांडवों ने स्वर्ग की ओर प्रस्थान किया था। इससे अलावा यही वो धरती है जहां 8वीं सदी में धर्मसुधारक आदि शंकराचार्य को ज्ञान प्राप्त हुआ था और उन्होंने पहले मठ की स्थापना यहीं की थी इसलिए जोशीमठ को ‘ज्योतिमठ’ भी कहा जाता है। यही नहीं शीतकाल में ‘भगवान बदरी’ यहीं निवास भी करते हैं, इसलिए जोशीमठ के लोग आपदा की इस घड़ी में ‘भगवान बदरी’ से सबकुछ ठीक कर देने की भी प्रार्थना कर रहे हैं।