हरिद्वार: उत्तराखंड में पर्वतीय शहरों में ही नहीं बल्कि मैदानी क्षेत्रों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। महादेव की नगरी हरिद्वार भी पहाड़ियों की वजह से खतरे की जद में है। शिवालिक पर्वत पर स्थित मां मनसा देवी मंदिर के आसपास की पहाड़ियां लगातार दरक रही हैं, जिसकी वजह से पहाड़ियों के नीचे रहने वाले लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं। दो साल पहले ही मनसा देवी की पहाड़ियों का आईआईटी रुड़की की टीम ने निरीक्षण किया था। रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने बताया था कि मनसा देवी की पहाड़ियों काफी कमजोर है। इसी वजह से वो पहाड़ी लगातार दरक रही है। आए दिन पहाड़ कमजोर होते जा रहे हैं।
मनसा देवी की पहाड़ियों को लेकर इसी तरह की एक रिपोर्ट करीब 20 साल पहले हरिद्वार के जाने-माने पर्यावरणविद् बीडी जोशी ने भी तैयार की थी। बीडी जोशी ने तभी भी कहा था कि आने वाले समय में यह पहाड़ दिन प्रतिदिन कमजोर होता जाएगा। यदि जल्द ही इसका ट्रीटमेट नहीं किया गया तो हरिद्वार के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है। भू-वैज्ञानिकों का कहना है कि मनसा देवी मंदिर के आसपास की पहाड़ियां रेतीले पहाड़ होने की वजह लगातार नीचे झुक रही हैं। इन पहाड़ों पर बिना ट्रीटमेंट के ही कार्य किए जा रहे हैं।
मनसा देवी के पहाड़ों के नीचे करोड़ों की लागत से हरिद्वार से मोतीचूर तक सड़क मार्ग का निर्माण किया गया। लेकिन हर मॉनसून सीजन में मलबा आने की वजह से यह सड़क लगातार बंद होती रहती है। इस सड़क के चलते लोगों को हरिद्वार में जाम की समस्या से भी निजात मिलती है। लेकिन बारिश में इस सड़क पर सफर तय करना खतरे से खाली नहीं है। बीडी जोशी के मुताबिक बिना ट्रीटमेंट के सड़क का उपयोग और चौड़ीकरण का कार्य विनाशक हो सकता है। साथ ही रेलवे का ट्रैक भी डबल किया जा रहा है। इन कार्यों से पहाड़ी पर काफी दबाव पड़ेगा और पहाड़ी तेज बारिश के चलत गिर सकती है।