देहरादून: स्मार्ट सिटी के कार्यों में लेटलतीफी और निम्न गुणवत्ता का कार्य होने पर सरकार ने एक ओर कड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कार्यकारी संस्था ब्रिज एंड रूफ को हाई पावर कमेटी के निर्णय के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुमोदन पर हटाने का निर्णय लिया है। ब्रिज एंड रूफ ने निर्माण कार्यों में अनियमितता बरती और गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा। जिस पर शासन को यह फैसला लेना पड़ा। दरअसल, शहरी विकास व आवास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने देहरादून स्मार्ट सिटी के सीईओ सोनिका के साथ बैठक की।
बैठक लेने के बाद उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी के अंतर्गत ऑउटफाल व इंटीग्रेटेड सीवरेज एंड ड्रेनेज योजना के कार्य के लिए नामित संस्था ब्रिज एंड रूफ के कार्य संतोषजनक नहीं पाए गए। इससे पहले भी कई बार बैठक में संबंधित संस्था को कार्य सुधारने के निर्देश दिए गए, लेकिन ब्रिज एंड रूफ बाज नहीं आया। तवहीं, बीती 29 जुलाई को प्रेमचंद अग्रवाल ने मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण भी किया था और निरीक्षण में अपेक्षाकृत कार्य नहीं मिला। जिस पर उन्होंने ब्रिज एंड रूफ को कड़ी चेतावनी भी दी थी। इसके बावजूद भी सीवरेज और ड्रेनेज में निम्न गुणवत्ता का कार्य किया गया। इतना ही नहीं स्मार्ट सिटी के तहत स्मार्ट रोड परियोजना में भी उनके काम संतोषजनक नहीं मिला। जिसके बाद इस संस्था को हटाने का फैसला लिया गया।
डा अग्रवाल ने बताया कि सीवरेज और ड्रेनेज का कार्य के लिए अब पेयजल एवं सिंचाई विभाग को नामित किया है, जबकि स्मार्ट रोड परियोजना में पीडब्ल्यूडी को कार्यदायी संस्था के लिए नामित किया है। डा अग्रवाल ने शीघ्र ही उक्त कार्य को प्रारंभ कराने के निर्देश दिए। जिससे जनता को सुविधा मिल सके। एचएससीएल को पहले ही हटाया। बता दे कि स्मार्ट सिटी के कार्यों में धीमी कार्यप्रगति होने पर सरकार ने कार्यकारी संस्था हिंदुस्तान स्टील वर्क्स कंस्ट्रक्शन लिमिटेड जो नामित होने के बाद काम शुरू नहीं कर पाई थी, को पूर्व में ही हटा दिया था।