वही कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत के विधायक उमेश शर्मा के साथ अचानक दिल्ली दौरे की चर्चा से सोमवार को सियासी गलियारों में हलचल रही। इसे हरक और पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत के नए रिश्ते से जोड़कर देखा जाने लगा।
इस बीच दिन में मंत्री हरक ने विधायक काऊ के साथ सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात की। हालांकि, देर शाम को मंत्री हरक सिंह ने कहा कि उनका मंगलवार को दिल्ली जाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात का कार्यक्रम था, लेकिन इसे उन्होंने स्थगित कर दिया है। वजह ये कि 28 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक है और 29 व 30 अक्टूबर को गृह मंत्री शाह का उत्तराखंड दौरा प्रस्तावित है। अब वह अगले माह की शुरुआत में दिल्ली जाकर गृह मंत्री से मिलेंगे।
अपनी बेबाक बयानी को लेकर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह इन दिनों सुर्खियों में है। हाल में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता हरीश रावत को बड़ा भाई करार देते हुए उनके खिलाफ अब कुछ न बोलने की बात कही थी। बीते रोज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंत्री हरक सिंह से फोन पर बात कर कहा था कि आपदा में तो सांप व नेवला भी एक हो जाते हैं। फिर वे तो भाई-भाई हैं। यही नहीं, हरक ने मीडिया से बातचीत में ये भी कहा था कि मंत्री के रूप में अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल से वह संतुष्ट नहीं हैं। सूरतेहाल, सियासी गलियारों में इसके तमाम निहितार्थ निकाले जाने लगे।इस बीच सोमवार को अचानक यह चर्चा तेजी से चली कि मंत्री हरक सिंह और विधायक काऊ दिल्ली जा रहे हैं।
ऐसे में हरक व हरीश रावत के नए रिश्ते के मद्देनजर तमाम अटकलें लगाई जाने लगीं। यही नहीं, दिन में मंत्री हरक सिंह और विधायक काऊ ने सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से करीब एक घंटे तक मुलाकात की।हालांकि, देर शाम संपर्क करने पर मंत्री हरक सिंह ने कहा कि मंगलवार को उनका दिल्ली जाने का कार्यक्रम था।पूर्व में दिल्ली प्रवास के दौरान जब वह राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले तो तब उनकी गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात नहीं हो पाई थी। इसी के दृष्टिगत उन्हें दिल्ली जाना था। मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस दौरान वन, ऊर्जा, कोटद्वार मेडिकल कालेज से संबंधित विषयों पर चर्चा की गई।