उत्तराखंड की धामी सरकार ने कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग को आउटसोर्सिंग एजेंसी के रूप में मान्यता दे दी है, जिसको लेकर आदेश जारी कर दिए गए हैं। अभी तक उत्तराखंड में उपनल और पीआरडी के माध्यम से आउट सोर्स कार्मिकों की नियुक्ति होती आई थी,लेकिन अब सेवायोजन विभाग के द्वारा भी आउटसोर्सिंग कर्मियों की नियुक्ति का रास्ता खुल गया है। उपनल के माध्यम से जहां पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को ही नियुक्त देने का प्रावधान है, तो वहीं पीआरडी के माध्यम से पीआरडी का प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को ही आउटसोर्स के तौर पर नियुक्ति दी जाती रही है, लेकिन अब उत्तराखंड में सेवायोजन विभाग के माध्यम से भी आउटसोर्स कार्मिक के तौर पर उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं को नियुक्ति मिल सकेगी। धामी सरकार के इस निर्णय से ऐसे बेरोजगार युवाओं को भी अब रोजगार मिल सकता है जो सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण कराते हैं।
उत्तराखंड के शासकीय विभागों में भारत सरकार द्वारा विकसित “गवर्नमेंट ई- मार्केटप्लेस जेम” के माध्यम से आउटसोर्सिंग कार्मिकों की पूर्ति की व्यवस्था लागू की गई है। इस संबंध में कौशल विकास एवं सेवायोजन अनुभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) द्वारा विकसित किए गए “रोजगार प्रयाग पोर्टल” के माध्यम से आउटसोर्स कार्मिकों की पूर्ति संबंधी नियमावली को राज्यपाल द्वारा स्वीकृति दे दी गई है। कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि, राज्य के विभिन्न राजकीय विभागों में उपनल एवं पीआरडी के माध्यम से आउटसोर्स कार्मिकों की पूर्ति की जा रही है। उक्त दोनों एजेसियों द्वारा एक निश्चित वर्ग के अभ्यर्थियों का ही पंजीकरण किया जा रहा है। इस व्यवस्था में राज्य के अन्य अभ्यर्थियों का आउटसोर्स कार्मिक के रूप में प्रतिनिधित्व कम है। जबकि सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकरण कराने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। ऐसी स्थिति में राज्य में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्मिकों की सेवायें लिए जाने के सम्बन्ध में एक निश्चित व्यवस्था बनाये जाने तथा सभी वर्ग के अभ्यर्थियों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य करने का अवसर प्रदान किये जाने हेतु कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग को आउटसोर्सिंग एजेंसी बनाया है।