देहरादून: उत्तराखंड गठन के बाद विधानसभा में हुई नियुक्तियों की सूची सोशल मीडिया में वायरल हो गई है। इस सूची में भाजपा और कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं के नाम शामिल हैं। सोशल मीडिया में तैर रही सूचियों में विधानसभा में नियुक्ति हुए कर्मचारियों के साथ ही उनके रिश्तेदार नेताओं के नाम भी लिखे गए हैं। तो दूसरी ओर, यूकेएसएसएससी पेपर लीक का मामला भी गरमाया हुआ है। हजारों की संख्या में यूजर्स ने यह सूची अपने फेसबुक, ट्विटर अकाउंट पर शेयर करने के साथ ही वाट्सएप प्रोफाइल पर लगाई है। विधानसभा की भर्तियों में भाई भतीजावाद का आरोप लगाते हुए लोग भाजपा और कांग्रेस के नेताओं को जमकर कोश रहे हैं।
उत्तराखंड विधानसभा में मनचाही नियुक्तियों को लेकर सियासत गर्म है। इस मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी घेरे में आ गया है। नियुक्तियों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी भी पीछे नहीं रहे. भाजपा सरकारों में आरएसएस की पैठ किस स्तर पर होती है, इसका नमूना उत्तराखंड विधानसभा में मिली नियुक्तियों के रूप में देखा जा सकता है। एक या दो नहीं बल्कि ऐसे कई नाम हैं जो संघ से जुड़े हैं और उन्हें बिना प्रतियोगी परीक्षा के विधानसभा में नौकरी दे दी गई।
वहीं, दूसरी तरफ प्रेमचंद अग्रवाल के स्टाफ ने उन सभी खबरों का खंडन किया है जिसमें कहा गया है कि प्रेमचंद अग्रवाल को पार्टी हाईकमान की तरफ से तलब किया गया है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के स्टाफ की माने तो उन्हें दिल्ली से कोई बुलावा नहीं आया है। हालांकि प्रेमचंद्र अग्रवाल को 2 सितंबर को दिल्ली जाना है। लेकिन उसकी वजह मंत्री परिषद की वह बैठक है, जिसे प्रधानमंत्री लेने जा रहे हैं और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रतिनिधि के रूप में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल इस बैठक में शामिल होने जा रहे हैं।