जी हां उत्तराखंड बीजेपी पर ऐसा दबाव अंकिता हत्याकांड में वीआईपी की एंट्री डाल दिया कि अब नेताओं और महा नेताओं को कुछ सूज नहीं रहा है कि क्या बोला जाय क्या नहीं, जो नेता छोटे-छोटे मुद्दों पर बड़ी-बड़ी बाते कर सियासी माहौल को गर्मा दिया गया करते थे। वो मौन धारण किये हुए हैं,लेकिन जो बोल रहे हैं वो भी पहले कुछ बाद में कुछ बोल रहे हैं, लेकिन इस बीच बीजेपी नेताओँ का भारी विरोध काले झंडे दिखे तो सांसद साहब ने बदल दिए सुर, कैसे। दोस्तो उत्तराखंड की राजनीति में फिर भूचाल मचा है। अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद बीजेपी नेताओं पर जनता का गुस्सा फूटा, काले झंडे और मुर्दाबाद के नारे गूंजे, लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। VIP एंगल’ के आरोपों ने बीजेपी को चौतरफा घेर लिया। मै आपको पूरा मामल बताउं उससे पहले दो एक ही बीजेपी नेता के दो बयान दिखाता हूं।
दोस्तो ये तब है जहां बीजेपी के बड़े नेता इस मामले में बोलने से बच रहे हैं वहीं तमाम मंत्रियों की चुप्पी ने कई सवाल खड़े किये। कोई सांसद भी इस मामले में कुछ नहीं बोल रहा, जब हाल में बीजेपी के नैनीताल से सांसद अजय भट्ट से पत्रकारों ने पूछा की अंकिता मामले में वीआईपी कौन है, क्या इसकी जांच होगी तो उन्होंने बड़ी ही आसानी से मामले से अंजान होने की बात कह कर किनाना किया, लेकिन आज वो अंकिता को अपनी बेटी बता रहे हैं। इंसाफ की बात कर रहे हैं वो कैसे, आगे बताता हूं। दोस्तो एक उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्याय की मांग को लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है। कई जगहों पर बीजेपी नेताओं को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। नैनीताल उधम सिंह नगर सांसद अजय भट्ट भी इससे अछूते नहीं रहे। जसपुर से गुजरते हुए उनके काफिले को भी कांग्रेसियों और स्थानीय लोगों ने काले झंडे दिखाए। कांग्रेसियों और स्थानीय लोगों की ओर से अचानक कई झंडे दिखाए जाने से आगे चल रही पुलिस की गाड़ी में एक हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिसकर्मियों ने नीचे उतरकर सांसद अजय भट्ट की गाड़ी को आगे बढ़वाया, लेकिन तब तक अंकित भंडारी हत्याकांड में न्याय की मांग को लेकर काले झंडे दिखाने वाले अपना काम कर चुके थे।
दरअसल, दोस्तो नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा संसदीय क्षेत्र के सांसद अजय भट्ट सपुर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे थे, लेकिन सांसद अजय भट्ट को कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जसपुर के सुभाष चौक पर काले झंडे दिखा दिए और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान सांसद की सुरक्षा के साथ ही पुलिस प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगते नजर आए। कांग्रेसी प्रदर्शनकारियों ने काफिले को रोक कर विरोध जताते हुए तेज स्वर में जमकर नारेबाजी की। अंकिता भंडारी के हत्यारों को फांसी देने की मांग कर रहे कांग्रेसियों ने सुभाष चौक पर सांसद अजय भट्ट के काफिले को रोक कर काले झंडे दिखाते हुए विरोध जताया। हालांकि, बाद में जसपुर कोतवाली पुलिस ने तीनों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को अपने हिरासत में लिया। वहीं कांग्रेससी कार्यकर्ताओं का कहना अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपियों को सजा दिलाए जाने की मांग को लेकर यह प्रदर्शन किया गया था। जिस तरह से उर्मिला सनावर की ओर से बीजेपी नेताओं की हकीकत सामने लाई जा रही है। आज पूरे मामले में सीबीआई जांच और निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर काले झंडे दिखाए गए हैं.” वहीं दोस्तो सांसद अजय भट्ट ने अपर सुर बदल दिए। जो आरोपी हैं, वो जेल में सजा काट कर रहे हैं. अगर किसी के पास सबूत है तो उसे सोशल मीडिया के जरिए सामने लाने की बजाए कोर्ट में दिखाएं। दोस्तो जैसे-जैसे अंकिता भंडारी हत्याकांड में VIP एंगल का मामला गरमाता जा रहा है। राजनीतिक दबाव और जनता का गुस्सा लगातार बढ़ रहा है। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि बीजेपी इस विवाद से कैसे निपटेगी और क्या जांच के बाद सच सामने आएगा या मामला सियासी बयानबाज़ी तक सीमित रहेगा।